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डायबिटीज़ या मधुमेह एक लाइफ़स्टाइल बीमारी है. बदलते रहन-सहन के चलते डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. हालांकि इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है, पर जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव लाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है. आइए, इसे नियंत्रण में लाने के कुछ घरेलू नुस्ख़ों पर नज़र डालते हैं. साथ ही इसके कुछ लक्षणों को देखते हैं.
डायबिटीज़ के लक्षण
1 कमज़ोरी और थकान महसूस करना
2 अचानक वज़न कम होना
3 बार-बार पेशाब आना
4 बहुत अधिक प्यास लगना
5 पानी पीने के बाद भी गला सूखना
6 बहुत ज़्यादा भूख लगना
7 शरीर में झनझनाहट और हाथ-पैर में अकड़न
8 मसल्स में दर्द होना
9 आंखों की रौशनी कम होना
10 स्किन या मूत्रमार्ग में इन्फ़ेक्शन
11 चिड़चिड़ापन, सिर भारी रहना, सिर दर्द
12 मितली होना और कभी-कभी उल्टी होना
डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के 10 कारगर घरेलू नुस्ख़े
1 बराबर मात्रा में कलौंजी और मेथीदाना लेकर थोड़ा दरदरा पीस लें. दोनों को मिलाकर रख लें. रात को एक ग्लास पानी में एक चम्मच यह चूर्ण डाल दें. सुबह इसको पानी से अलग करके चबा-चबा कर खाएं. और पानी को घूंट-घूंट करके पिएं. यह नुस्ख़ा काफ़ी कारगर है. केवल दो से तीन महीने में डायबिटीज़ नियंत्रित हो जाएगी.
2 शुगर लेवल को कम या नियंत्रित करने के लिए रोज़ाना ख़ाली पेट दो से तीन तुलसी के पत्ते लें. दरअस्ल, तुलसी के पत्तों में ऐन्टी-ऑक्सिडेन्ट होते हैं, जो इन्सुलिन का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होते हैं.
3 एक महीने तक नियमित रूप से एक ग्राम दालचीनी पाउडर पानी के साथ फांकें. इससे न केवल शुगर लेवल नियंत्रण में रहेगा, बल्कि बढ़ा हुआ वज़न भी कम होगा.
4 10 मिली आंवला जूस को 2 ग्राम हल्दी पाउडर में मिलाएं. इसे दिन में दो बार लें, शुगर नियंत्रण में रहेगा.
5 6 बेल पत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगन बेलिया के हरे पत्ते और 3 साबुत काली मिर्च लें. इन सभी को पीसकर ख़ाली पेट पानी के साथ लें. इसके सेवन के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ और न खाएं. इसके नियमित सेवन से भी शुगर का स्तर सामान्य हो जाता है.
6 डाइबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अलसी के बीज रामबाण की तरह हैं. अलसी के बीज अलसी में फ़ाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जिसके कारण फ़ैट और शुगर के अवशोषण में मदद मिलती है. प्रतिदिन सुबह ख़ाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लें. इससे भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम हो जाती है.
7 गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं. गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से भी डायबिटीज़ नियंत्रण में रहता है.
8 नीम की पत्तियों में आश्चर्यजनक औषधीय गुण होते हैं. नीम की पत्तियों के नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज़ का स्तर कम होता है तथा अंग्रेज़ी दवाइयों पर निर्भरता कम होती है. आप नीम की पत्तियां चबाने के साथ-साथ सुबह ख़ाली पेट नीम की कोमल पत्तियों का रस पिएं.
9 जामुन को डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अचूक औषधि माना जाता है. यदि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो काले नमक के साथ जामुन खाएं. काफ़ी फ़ायदा होगा. जामुन के सूखे बीज के चूर्ण से भी डायबिटीज़ में फ़ायदा मिलता है.
10 करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है. अत: इसका रस रोज पीना चाहिए. उबले करेले के पानी से मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त किया जा सकता है.
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