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10 देसी सुपरफ़ूड्स, जिन्हें अपने खानपान में ज़रूर शामिल करना चाहिए

Kajal Dubey
8 May 2023 2:48 PM GMT
10 देसी सुपरफ़ूड्स, जिन्हें अपने खानपान में ज़रूर शामिल करना चाहिए
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जब हम सुपरफ़ूड्स के बारे में कहीं पढ़ते हैं तब आमतौर पर ऐसी चीज़ों की लिस्ट से रूबरू हो रहे होते हैं, जो हमारे देश में उतनी सहजता और आसानी से नहीं मिलतीं. इसीलिए हम सुपरफ़ूड्स की अपनी सूची में बिल्कुल देसी चीज़ें शामिल कर रहे हैं. जिनके नाम सुनने के बाद आपको गूगल सर्च नहीं करना होगा. आपने उनके बारे में पहले भी सुना होगा, उन्हें देखा होगा. तो आइए, जानते हैं 10 जाने-पहचाने से सुपरफ़ूड्स के बारे में.
जौ
किसी ज़माने में जौ को ग़रीबों का गेहूं कहा जाता था. पर अब यह अमीरों की डायट का अहम हिस्सा बन गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह है इससे कोलेस्टेरॉल कम होने में मदद मिलती है और वज़न कम करने में भी. जौ शरीर को डीटॉक्स करने में काफ़ी मददगार है. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फ़ेक्शन (यूटीआई) में इसका इस्तेमाल घरेलू नुस्ख़े के तौर पर किया जाता है. जौ का पानी वज़न घटाने के इच्छुक लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जौ में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है, जो इसे एक सुपरफ़ूड की कैटेगरी में खड़ा करता है.
रागी
जिन लोगों को ग्लूटन की समस्या होती है, उनके लिए रागी के तीन मुख्य घटक ब्रान, जर्म और एंडोस्पर्म बहुत काम के साबित होते हैं. लैक्टोज़ और ग्लूटन से एलर्जी वालों के लिए रागी काफ़ी फ़ायदेमंद है. विटामिन डी और आयरन की अधिकता के चलते रागी ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रण में रखता है और स्ट्रोक के ख़तरे को कम करता है. वज़न कम करने में भी सहायक है.
मखाना
उपवास के दौरान खाया जानेवाला मखाना यानी लोटस सीड्स अपने अंदर सेहत से जुड़े कई फ़ायदे समेटे हुए है. लो फ़ैट, हाई प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, ज़िंक के चलते यह मस्तिष्क को शांत रखता है. जिन लोगों को इन्सोम्निया की समस्या है, उनके लिए मखाना काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है. यह यूरिनरी ट्रैक्ट की समस्या को दूर करता है और ऐंटी-एजिंग गुणों से भी भरपूर है.
देसी घी
भारतीय किचन का यह सबसे पसंदीदा सुपरफ़ूड है. हम सभी के किचन में घी का डिब्बा ज़रूर होता है. हालांकि नई पीढ़ी के लोग घी को मोटापा बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार मानते हुए उससे किनारा कर रहे हैं, पर इससे घी की अहमियत कम तो नहीं हो जाती ना! घी हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है. ऐसे मानते हैं कि खानपान में नियमित रूप से घी शामिल करने से दिमाग़ तेज़ होता है और डाइजेशन सुधरता है. घी हड्डियों को मज़बूत बनाता है और कुछ टाइप के कैंसर के ख़तरे को कम करता है.
दही
हमारे पारंपरिक खानपान का सदियों से अहम् हिस्सा रहे दही के गुणों से भला कौन अनजान होगा. जब आप नियमित रूप से दही खाते हैं तो शरीर के लिए आवश्यक कैल्शियम की 20% मात्रा की आपूर्ति यही कर देता है. दही को डायट का हिस्सा बनाकर आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं, पाचन के साथ-साथ कार्डियोवैस्क्युलर हेल्थ को इम्प्रूव कर सकते हैं. यह मांसपेशियों और हड्डियों को भी मज़बूत बनाता है.
कटहल
इस अनूठे भारतीय फल में कई मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं. यह कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, फ़ाइबर, इलेक्ट्रोलाइट और फ़ायटोन्यूट्रिएंट्स का समृद्ध स्रोत है. यह ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़ का भी अच्छा सोर्स है, जिसकी वजह से झटपट ऊर्जा देता है. इसके साथ ही कटहल में डायटरी फ़ैट्स की अच्छी मात्रा होती है, जिससे पाचन सुधरता है और कब्ज़ की समस्या दूर होती है. इतना ही नहीं कोलेस्टेरॉल और वज़न कम करने के अपने ख़ास गुण के चलते आजकल यह ख़ूब लोकप्रिय हो रहा है. यह शुगर को नियंत्रित रखता है और कोलोजन कैंसर की संभावना को कम करता है.
दलिया
गेहूं के छोटे-छोटे टुकड़ों से बने दलिया से भला कौन अनजान होगा? दलिया में प्रोटीन की अच्छी-ख़ासी मात्रा होती है और वहीं फ़ैट कम से कम होता है. यही कारण है कि सुबह के नाश्ते के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है. आपका वज़न बढ़ाए बिना दलिया आपको भरपूर पोषण देता है. इसमें फ़ाइबर, मैंग्नीज और विटामिन बी की प्रचुर मात्रा होती है. जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं, वे इस भारतीय सुपरफ़ूड को रोज़ाना के अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कई तरह के व्यंजन बनाए जा सकते हैं. यानी जब इसे अपने रोज़ाना के खानपान में शामिल करेंगे तो आप दलिया खा-खाकर बोर भी नहीं होंगे.
माइक्रोग्रीन्स
माइक्रोग्रीन्स यह नाम पढ़कर आप किसी विदेशी सब्ज़ी की ग़लतफ़हमी न पालें. माइक्रो का अर्थ होता है छोटा और ग्रीन्स तो हरी सब्ज़ियों को ही कहते हैं. हरी सब्ज़ियों के माइक्रो वर्ज़न को माइक्रोग्रीन्स कहते हैं. इन्हें बेबी ग्रीन्स भी कह सकते हैं. जब पालक, मेथी जैसी आपकी पसंदीदा हरी सब्ज़ियां छोटी होती हैं, तब उनमें पूरी तरह तैयार होने की तुलना में पोषक तत्व ज़्यादा होते हैं. उस समय उन्हें खाना यानी अधिक पोषण लेना होता है. ये सुपरफ़ूड्स का काम करती हैं. आजकल ग्रॉसरी स्टोर्स में माइक्रोग्रीन्स उपलब्ध होती हैं. अगर आपके पास जगह हो तो आप अपनी माइक्रोग्रीन्स ख़ुद ही उगा भी सकते हैं.
हल्दी
हल्दी भारतीय खानपान में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जानेवाले मसालों में एक है. लगभग सभी भारतीय व्यंजनों में हल्दी डाली जाती है. आजकल इसकी लोकप्रियता भारत के बाहर भी पैर पसार चुकी है. कारण इसके सेहत से जुड़े फ़ायदे और औषधीय गुण. इन दिनों दुनिया में टरमरिक लैटे की धूम मची हुई है, जो कुछ और नहीं हमारा हल्दी वाला दूध है. ऐंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुणों के चलते पहले से मशहूर हल्दी को नई पहचान इसकी कैंसर रोधी प्रॉपर्टी के चलते भी मिली है.
आंवला
चमकीले हरे रंग का यह भारतीय सुपरफ़ूड सर्दी खांसी को तो दूर रखता ही है, साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने और मोटापा घटाने में भी बेहद कारगर है. यह हरा फल विटामिन और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरा होता है. आंखों की रौशनी बढ़ाने के लिए आंवला खाने की सलाह दी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार यह सुपरफ़ूड बालों, त्वचा और नाख़ूनों की सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद है. नियमित रूप से आंवला जूस का सेवन करनेवालों का ब्लड शुगर नियंत्रण में बना रहता है.
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