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मां बनना हर महिला के लिए सुखद एहसास होता है। कई तकलीफों को सहन करते हुए एक मां बच्चे को जन्म देती हैं और उसके आते ही सभी गम भूल जाती हैं। बच्चे की सेहत के लिए मां क्या कुछ नहीं करती हैं। इस दौरान सेहतमंद रहने के लिए गर्भवती महिला को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। महिला, जो भी खाती है उसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि कुछ फल और सब्जियां ऐसी भी होती हैं, जिनको गर्भवती महिलाओं को खाने से मना किया जाता है। जी हां, कुछ फूड ऐसे होते हैं जिनका सेवन करने से गर्भवती महिला के मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता हैं। आज हम आपको उन्हीं आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे दूरी बनाने में ही आपकी भलाई हैं। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
पाइनएप्पल
पाइनएप्पल न्यूट्रशन से भरपूर फ्रूट है लेकिन प्रेग्नेंसी के पहले ट्राईमेस्टर में पाइनएप्पल को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। पाइनएप्पल में ब्रोमेलिन तत्व होता है जो सर्विक्स को सॉफ्ट बना देता है। जिसकी वजह से समय से पहले लेबर पेन होने लगता है और पहली तिमाही में तो मिसकैरेज का खतरा रहता है।
कटहल
कुछ एक्सपर्ट्स प्रेग्नेंट महिलाओं को कटहल न खाने की सलाह देते हैं। हालांकि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि कटहल खाने से कुछ महिलाओं का मिसकैरिज हो सकता है। लेकिन बता दें कि यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। अगर कटहल को हेल्दी मात्रा में खाया जाए। तो इससे बच्चे और मां को कोई नुकसान नहीं होता है।
तिल
प्रेगनेंसी में तिल खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इसको इसकी तासीर गर्म होती है, जो मिसकैरेज को बढ़ा सकता है। तिल में पाए जाने वाले तत्व कब्ज को भी बढ़ाते है। प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में इसे खाने से बचना चाहिए। तिल के सेवन से पाचन-तंत्र खराब होता है।
पपीता
गर्भवती महिला को पपीता खाने से मना किया जाता है खासकर कच्चा या सही तरीके से न पका हुआ पपीता। इसका कारण ये है कि पपीते में लेटेक्स होता है जो गर्भाशय में संकुचन को बढ़ाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि अगर पपीता पूरी तरह से पका हुआ है तो उसे खाने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन उसे किस तरह से पकाया गया है इसकी जानकारी अगर न हो तो बेहतर यही होगा कि आप पपीता न खाएं।
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कच्चा अंडा
प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा अंडा न खाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, अंडे में सालमोनेला बैक्टीरियम होता है, जिसके कारण फूड प्वॉयजनिंग हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए इस बैक्टीरिया के कारण वो फूड प्वॉयजनिंग की शिकार हो सकती हैं। यहां तक कि सालमोनेला बैक्टीरियम गर्भ में पल रहे बच्चे को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। गर्भवती महिला को इससे उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, सिर में दर्द, बुखार आदि हो सकता है।
एलोवेरा जूस
एलोवेरा यूं तो कई बीमारियों को खत्म करने में काम आता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को एलोवेरा के जूस का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि गर्भावस्था में एलोवेरा जूस पीना जहर के समान है। गर्भावस्था में एलोवेरा जूस पीने से पेल्विक हिस्से में ब्लीडिंग हो सकती है, जिससे गर्भपात भी हो सकता है।
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बैंगन
बैंगन में कई पोषक तत्वों की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है। लेकिन इसके बाद भी गर्भवती महिलाओं के लिए बैंगन की सब्जी सही नहीं मानी जाती है। बता दें कि बैंगन में साइट हार्मोन पाया जाता है। जिसके कारण कई बार महिलाओं को पीरियड्स हो जाते हैं और मिसकैरज का खतरा होता है।
अंगूर
वैसे तो अंगूर में ऐसा कोई कम्पाउंड नहीं पाया जाता जो मां या बच्चे को नुकसान पहुंचाता हो लेकिन प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही यानी 6 से 9 महीने के दौरान अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका कारण ये है कि अंगूर शरीर में गर्मी पैदा करता है जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए ठीक नहीं है। लिहाजा किसी तरह की जटिलता से बचने के लिए अंगूर का सेवन ना ही करें।
सहजन
सहजन में काफी पौषक तत्व होते हैं, जैसे विटामिन, आयरन और पोटैशियम, लेकिन इसमें एल्फा सिटोस्टेरोल भी होता है जो आपके होने वाले बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। तो ऐसे में आपको सहजन खाने से भी बचना चाहिए।
पत्ता गोभी
गर्भवती महिलाओं को पत्तागोभी की सब्जी खाने से मना किया जाता है। क्योंकि पत्तेदार सब्जियों में कीड़ा बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। पत्तागोभी की सब्जी बच्चे के विकास के सही सही नहीं मानी गई है। इसलिए पत्तागोभी का सेवन नहीं करना चाहिए।
Tara Tandi
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