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जमशेदपुर: छठ महापर्व मनाने के लिए तालाबों की स्थिति अच्छी नहीं है. हिनू व आसपास के क्षेत्र के एकमात्र छठ तालाब हुंडरू छठ तालाब की स्थिति भी बदहाल है. हालांकि वर्षों से सभी जनप्रतिनिधि इसे बनाने का आश्वासन देते रहे, लेकिन इसका सौंदर्यीकरण नहीं हो सका. घाट ऐसे हैं कि कोई भी गिरकर चोटिल हो जाए. यहां ग्रामीण वर्षों से छठ व्रत करते रहे हैं, लेकिन हाल के 30 वर्षों से काफी उत्साह के साथ आसपास के शहरी इलाके के भी श्रद्धालु अर्घ्य दे रहे हैं.
यह एक ऐसा तालाब है जहां एक छोर पर हुंडरू के ग्रामीण और अन्य छोर पर हिनू क्षेत्र के छठव्रती पूजा करते हैं. इस कारण इसके चारों किनारों पर छठव्रतियों के साथ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है. लेकिन छठ तालाब की सफाई नहीं हुई है. यहां मूर्ति का विसर्जन किया गया है, लेकिन अधिकांश मलवा तालाब में ही है. यहां केवल एक ही घाट सुरक्षित हैं. मिट्टी धंसने के कारण घाट विलीन हो गया है. ऐसे में घाट बनाना मुश्किल है.
● कोरोना से पूर्व तालाब को निगम ने साफ कराया था. दो दिन बाद ही काम बंद कर दिया गया था
● हर साल बारिश में तालाब के घाट पानी में समा जाते हैं
● सीधे और खड़े घाट के कारण पानी में उतरते समय गिरने का खतरा
● तालाब में गाद भरी है, इससे व्रतियों के पैर कीचड़ में धंस जाते हैं
मुहाना दुरुस्त कराने की नहीं, वोट की चिंता
सीताराम शर्मा बोले, ग्रामीण ही तालाब को बचाकर रखे हुए हैं. कुछ लोग इसमें नहाते भी हैं. तालाब के मुहानों को दुरुस्त करने के बारे में कोई भी विचार नहीं करता है. जनप्रतिनिधियों को सिर्फ वोट की चिंता रहती है.
जनप्रतिनिधियों से अब तक आश्वासन ही मिला
अमित गोप बोले, तालाब पर घाट बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है. पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय से लेकर सभी जनप्रतिनिधि इस तालाब के घाट को बनाने का आश्वासन देते रहे. लेकिन तालाब के स्वरूप को दुरुस्त नहीं किया गया है.
तालाब की सफाई के लिए निगम नहीं गंभीर
हुंडरू के रहने वाले सुदीप गोप ने कहा कि हिनू और आसपास के सभी छठ व्रत करने वाले भक्त श्रद्धालु इस तालाब में अर्घ्य देने के लिए आते हैं. लेकिन तालाब की साफ-सफाई को लेकर निगम कभी गंभीर नहीं दिखा.
नगर निगम का जिम्मा
1. तालाब परिसर के साथ-साथ इसमें फैले कचड़े की सफाई
2. तालाब के तीनों ओर से घाटों को दुरुस्त करना
3. हुंडरू सड़क से लगे घाट को पानी में व्रतियों के उतरने लायक बेहतर तरीके से बनाना
4. तालाब के चारों ओर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करना
5. पर्व में व्रतियों की सुरक्षा के लिए तालाब में बेरिकेडिंग करना