बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने 'दीन दयाल ग्रामीण कौशल योजना' के तहत राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बावजूद उम्मीदवारों को कौशल शिक्षा प्रदान करने में विफल रहने वाली आठ परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने अधिकारियों को एजेंसियों को काली सूची में डालने तथा उनपर तुरंत आपराधिक मामले …
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने 'दीन दयाल ग्रामीण कौशल योजना' के तहत राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बावजूद उम्मीदवारों को कौशल शिक्षा प्रदान करने में विफल रहने वाली आठ परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने अधिकारियों को एजेंसियों को काली सूची में डालने तथा उनपर तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करने का भी निर्देश दिया है।
चिकित्सा शिक्षा, कौशल विकास और आजीविका मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने बुधवार को यहां एक बैठक में उन एजेंसियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की, जो डिप्लोमा, आईटीआई और अन्य रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने में विफल रही हैं।
अनुसार पाटिल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रगति की समीक्षा के लिए अधिकारियों को उनके खिलाफ संबंधित थानों में आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को दोषी परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) को तुरंत काली सूची में डालने और भविष्य में ऐसी एजेंसियों को निविदाएं जारी करने से रोकने का भी निर्देश दिया।इस योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 98वीं जयंती पर किया था। यह योजना बेरोजगार युवाओं को नौकरी खोजने और अपने दम पर कुछ हासिल करने में मदद के लिए शुरू की गई थी।