जम्मू और कश्मीर

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गणतंत्र दिवस से पहले एलओसी पर अग्रिम क्षेत्रों का किया दौरा

24 Jan 2024 5:42 AM GMT
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गणतंत्र दिवस से पहले   एलओसी  पर अग्रिम क्षेत्रों का  किया दौरा
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श्रीनगर: सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गणतंत्र दिवस से पहले घुसपैठ रोधी तंत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने घुसपैठ रोधी तंत्र तथा …

श्रीनगर: सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गणतंत्र दिवस से पहले घुसपैठ रोधी तंत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया।

उन्होंने बताया कि सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने घुसपैठ रोधी तंत्र तथा अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को बांदीपोरा जिले के गुरेज क्षेत्र में अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया।

सुरक्षा अधिकारी कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में इस सर्दी में अधिक बर्फ नहीं पड़ने की वजह से घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर चिंतित हैं।

सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी के कारण नियंत्रण रेखा के पास के पहाड़ी दर्रे आमतौर पर अवरुद्ध हो जाते हैं, जिससे आतंकवादियों की घुसपैठ की आशंका कम हो जाती है। हालाकि, शुष्क सर्दी ने घुसपैठ रोधी ग्रिड को नियंत्रण रेखा पर निगरानी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने सैनिकों के साथ बातचीत की और उनका आह्वान किया कि मौसम की इन परिस्थितियों में और इस क्षेत्र में अभियान संबंधी तैयारियों को पूरी तरह दुरुस्त रखा जाए।पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमापार घुसपैठ बलों के लिए चुनौती बनी हुई है लेकिन सुरक्षा हालात नियंत्रण में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हां, यह हमारे लिए चुनौती है कि बाहर से कुछ आतंकी आ रहे हैं। वे घुसपैठ कर रहे हैं और यहां कुछ लोगों के साथ मिलकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। यह चुनौती है जिसे हम अलग नजरिये से देखते हैं।’’

स्वैन ने कहा, ‘‘हम इसे इस तरीके से देख रहे हैं कि हमारे लड़के उनके साथ शामिल नहीं हो रहे या उनमें से बहुत कम उनके साथ हैं। कुछ लोग उनके साथ हो सकते हैं, लेकिन अधिकतर लोग नहीं। जब हम कहते हैं कि हमारा सुरक्षा (हालात) पर नियंत्रण है तो हम इस बात को दिमाग में रखते हैं।’’

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