नाहन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सिरमौर जिला के पांवटा साहिब से गुम्मा एनएच-707 के डबल लेन के कार्य में ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड को लेकर दायर की गई याचिका का कड़ा संज्ञान लिया है। इस सिलसिले में एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ एनएच प्राधिकरण, पर्यावरण मंत्रालय, वन मंत्रालय, सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश, प्रदूषण …
नाहन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सिरमौर जिला के पांवटा साहिब से गुम्मा एनएच-707 के डबल लेन के कार्य में ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड को लेकर दायर की गई याचिका का कड़ा संज्ञान लिया है। इस सिलसिले में एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ एनएच प्राधिकरण, पर्यावरण मंत्रालय, वन मंत्रालय, सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा जिला प्रशासन व एनएच में कार्य कर रही कंपनियों समेत 14 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इस नोटिस की एवज में तमाम पार्टियों को 15 अप्रैल तक एनजीटी के समक्ष जवाब देना होगा। एनजीटी ने अब इसकी सुनवाई 15 अप्रैल को निर्धारित की है। यह खुलासा पर्यावरणविद व समाजसेवी नाथू राम चौहान ने रविवार को जिला सिरमौर के नाहन में पत्रकार वार्ता में किया। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब से गुम्मा तक के एनएच-707 के डबललेन में पूरी तरह से एनजीटी को गुमराह किया है। इस नेशनल हाई-वे के डबल लेन के कार्य में 107 किलोमीटर का हिस्सा आता है, जिसमें 97 किलोमीटर का हिस्सा ऐसा है जहां पर पहाड़ों की कटिंग का मलबा सीधा सडक़ के किनारे डंप किया जा रहा है।
इसस सैकड़ों पेयजल स्रोत तबाह हुए हैं। एनजीटी द्वारा इस मामले में मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण वन, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान अरण्यपाल वन विभाग राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, उपायुक्त सिरमौर, उपायुक्त शिमला, नगर परिषद पांवटा साहिब के अलावा मैसर्स एबीसीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स आरजी बिल्ड वैल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स एलएन मालवीया इन्फ्रा प्रोजेक्ट, एचईएस इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, पीआरएल प्रोजेक्ट, शिवालिक बिल्ड टैक प्राइवेट लिमिटेड को पार्टी बनाया है। यह याचिका एनजीटी की प्रिंसीपल बैंच में जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, चेयरपर्सन व सदस्य डा. ए सैंथिल बैल के समक्ष लगाई गई है। एनजीटी ने इस मामले में हाई लेवल कमेटी के गठन को लेकर निर्देश जारी किए हैं तथा कहा गया है कि ज्वाइंट कमेटी स्पॉट पर इंस्पेक्शन कर इसकी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी। नाथू राम चौहान ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के तहत यह हिस्सा ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाना था। इस क्षेत्र में जो सडक़ के डबल लेन के कार्य में मलबे की निकासी की जा रही थी उसे आसपास फेंकने की वजाय उचित डंपिंग स्थल चिन्हित किए जाने थे, परंतु डंपिंग स्थल के निर्माण में भी पूरी तरह से धांधलियां बरती गई।