शिमला। शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मंगलवार को डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया। अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे डाक्टर मांगें पूरी न होने से सरकार से खफा हैं। अपनी मांगें पूरी न होने के विरोध में डाक्टरों ने काम करते वक्त काले बिल्ले लगा रखे थे। मौजूदा समय में अस्पतालों में अपनी …
शिमला। शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मंगलवार को डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया। अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे डाक्टर मांगें पूरी न होने से सरकार से खफा हैं। अपनी मांगें पूरी न होने के विरोध में डाक्टरों ने काम करते वक्त काले बिल्ले लगा रखे थे। मौजूदा समय में अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे डाक्टर काफी समय से नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा भी इनकी कई मांगें हैं। अपनी मांगों को लेकर वह पिछले वर्ष प्रदेश सरकार से भी मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। हाल ही में वह अपनी मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिख चुके हैं। डाक्टरों का कहना है कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने सालों से मिलने वाले एसीएस 4-9-14 को जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की है। एनपीए एलाउंस 2023 में आपदा के दौरान सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था, जो कि इन्हें प्रशिक्षण के समय कुल वेतन का 20 फीसदी दिया जाता था।
जिसको लेकर यह बीते वर्ष तीन जून को सचिवालय में जाकर मिले थे। उस समय इन्हें आश्वासन दिया गया था कि आपदा के तीन महीने बाद एनपीए एलाउंस दे दिया जाएगा, लेकिन इन्हें सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है। प्रशिक्षित डाक्टरों का कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अपना पैसा लगाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है और विभाग में प्रमोशन भी नहीं हो रही है। हाल ही में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति में उनके वेतन से इसे हटा दिया गया है। तीन अगस्त, 2023 को जारी की गई अधिसूचना के तहत विशेषज्ञों का वेतन घटाकर 33 हज़ार 660 कर दिया है, जबकि 27 जुलाई, 2022 की अधिसूचना के तहत न्यूनतम देय 40 हजार 392 तय हुआ है। प्रदेश में पहले ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है और इतने कम वेतन पर कार्य करने के बजाय विशेषज्ञों को दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश की जनता को विशेषज्ञ सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। एनपीए को अभी तक अग्रिम भर्ती में नहीं जोड़ा गया है, लेकिन 21-10-23 की अधिसूचना के तहत एनपीए को सेवानिवृत्त चिकित्सकों की पेंशन से भी हटा दिया गया है।