सोलन। नगर निगम सोलन के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के कथित विवाद में अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक गुट को पार्टी के प्रदेश संगठन के नेताओं से आस है तथा हार का दंश झेल चुके कांग्रेस के दूसरे धड़े को अब जांच कमेटी के मुखिया की रिपोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है। उपायुक्त …
सोलन। नगर निगम सोलन के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के कथित विवाद में अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक गुट को पार्टी के प्रदेश संगठन के नेताओं से आस है तथा हार का दंश झेल चुके कांग्रेस के दूसरे धड़े को अब जांच कमेटी के मुखिया की रिपोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है। उपायुक्त सोलन इस मामले की जांच कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने नगर निगम चुनाव विवाद में उपायुक्त सोलन को जांच करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार उपायुक्त सोलन ने कांग्रेस के चार पार्षदों को नोटिस देकर सीधे तौर पर जवाब मांगा है। हालांकि चार पार्षदों के खिलाफ शिकायत देने वाले का हवाला नहीं है, परंतु व्हीप का उल्लंघन होने की बात कही गई है। पता चला है कि चार पार्षदों ने नोटिस के जवाब में कहा है कि हमें प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व कांग्रेस प्रदेश अनुशासन कमेटी की अध्यक्ष विप्लव ठाकुर की ओर से पार्टी के खिलाफ कार्य करने का कोई नोटिस नहीं मिला है तथा यह जांच सिर्फ सीधे तौर पर की जा रही है।
दूसरी ओर इन पार्षदों का यह भी कहना है कि वे कांग्रेस के ही हैं तथा सोलन नगर निगम के मेयर पद पर उन्होंने अपनी रणनीति से ही कांग्रेस की ही पार्षद को बिठाया है। इन पार्षदों का यह भी तर्क है कि स्थानीय विधायक व मंत्री डा. धनीराम शांडिल भी मीडिया के समक्ष यह कह चुके हैं कि मेयर पद पर कांग्रेस का ही कब्जा है। गत सात दिसंबर को नगर निगम सोलन में मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव संपन्न हुए थे। इसमें मेयर पद पर उषा शर्मा व डिप्टी मेयर पद पर भाजपा की मीरा आनंद निर्वाचित हुई थीं। इस चुनाव में गुटबाजी के चलते बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा था। सरकार, संगठन व प्रशासन के बीच इस विवाद को लेकर चल रही कशमकश व उसके बाद निकले मंथन से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कोई भी पक्ष व विपक्ष में फैसला आने पर यह प्रकरण न्यायालय में जा सकता है। ‘दिव्य हिमाचल’ ने इस मामले में दोनों पक्षों के कुछ पार्षदों से जब बातचीत की, तो उनका यही कहना था कि विपरीत फैसला आने पर वे न्यायालय की शरण में अवश्य जाएंगे।