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200 डाक्टर और 1450 स्टाफ नर्सेज के पद भरेगा स्वास्थ्य विभाग

26 Jan 2024 5:30 AM GMT
200 डाक्टर और 1450 स्टाफ नर्सेज के पद भरेगा स्वास्थ्य विभाग
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शिमला। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में जल्द ही खाली पदों को भरा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि विभाग ने 200 डाक्टरों के पदों को भरने की तैयारी की है। जबकि इसके साथ ही 1450 स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट की भर्ती राज्य सरकार …

शिमला। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में जल्द ही खाली पदों को भरा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि विभाग ने 200 डाक्टरों के पदों को भरने की तैयारी की है। जबकि इसके साथ ही 1450 स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट की भर्ती राज्य सरकार करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद स्वास्थ्य संस्थानों में खाली चल रहे पदों पर डाक्टरों की तैनाती हो जाएगी। कर्नल शांडिल ने कहा कि दवा नियंत्रक का पद भरने की प्रक्रिया को सरकार जल्द ही पूरा करेगी। फिलहाल, दूसरे अधिकारी इस जि मेदारी को निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार इस पद के लिए योग्य अधिकारी की तलाश में है और जल्द ही पद भर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा देर तक जि मेदारी वाले पद को खाली रखना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है । पद भरने को लेकर जरूरी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा है कि डाक्टरों का एनपीए बहाल करने पर सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को यह जानकारी दे दी गई है कि नान प्रक्टिस एलाउंस (एनपीए) बंद नहीं किया गया है। बल्कि प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इसे कुछ समय के लिए रोका गया है। उन्होंने कहा कि हालात बेहतर होते ही एनपीए बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का एनपीए को बंद करने की कोई योजना नहीं है।

राष्ट्रीय एंबुलेंस का आकलन स्वास्थ्य विभाग ने किया है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवाएं बेहतर पाई गई हैं। लेकिन गाडिय़ों और उपकरणों में दिक्कत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी को नोटिस जारी कर इसका जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा कि नोटिस इश्यू करेंगे और टेंडर पर भी पुनर्विचार होगा। उन्होंने कहा कि लोगों की सेहत से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। दवाओं की गुणवत्ता को परखने के लिए विभाग एसओपी बनाएगा। उन्होंने कहा कि दवाओं के बार-बार सैंपल फेल होना चिंता का विषय है। हिमाचल दवा उत्पादन का हब है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से दवाएं बाहर सप्लाई होती हैं और सैंपल फेल होते हैं तो इसका असर प्रदेश की छवि पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि 38 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं उन्हें नोटिस भेजा गया है और जवाब सही न मिल पाने पर लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार सैंपल तापमान की वजह से भी गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरते हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी जांच के विषय हैं।

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