बिलासपुर। जिला बिलासपुर और सोलन की सीमा पर सटे त्रिवेणीघाट में ऊठाऊ पेयजल योजना का स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों के विरोध के बाद भी सरकार, प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। पुलिस पहरे इस योजना का जहां सोलन जिला के अंतर्गत कार्य करवाया जा रहा है। वहीं, …
बिलासपुर। जिला बिलासपुर और सोलन की सीमा पर सटे त्रिवेणीघाट में ऊठाऊ पेयजल योजना का स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों के विरोध के बाद भी सरकार, प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। पुलिस पहरे इस योजना का जहां सोलन जिला के अंतर्गत कार्य करवाया जा रहा है। वहीं, बिलासपुर जिला से संबधित स्थानीय पंचायतों के लोग लगातार इस ऊठाऊ पेयजल योजना का विरोध कर रहे हैं। लगातार विरोध जारी है लेकिन अभी तक इसके कोई भी साकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। शुक्रवार को अलीखड्ड बचाओ संघर्ष समिति की ओर से 15 दिन के आंदोलन के बाद क्रमिक अनशन शुरू किया। क्रमिक अनशन के पहले दिन सोलन जिला के तहत नवगांव गांव के लोग अनशन पर बैठे। इसमें रिखी राम ठाकुर, चंपा शर्मा, जिया लाल, रमा ठाकुर, मीनाक्षी देवी, शामिल रहे। लोग अलीखड्ड को बचाने को लेकर लगातार प्रयासरत्त हैं।
सरकार, नेताओं की ओर से भी आश्वासन मिले लेकिन फिर भी कोई भी स्थायी हल नहीं हो पाया है। अब अलीखड्ड बचाओ संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रभावित पंचायतों के लोग एकत्रित होंगे। इसमें आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। उधर, अलीखड्ड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश शर्मा का कहना है कि सरेआम नियमों की अवहेलना हो रही है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के निर्देशों को भी दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य किया जा रहा है। सरेआम पर्यावरण को नुकसान किया जा रहा है। अलीखड्ड में खनन किया जा रहा है। लेकिन फिर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दबाव के चलते यहां पर मनमानी की जा रही है। जोकि सहन नहीं की जाएगी। शनिवार को क्रमिक अनशन स्थल पर होने वाली महापंचायत में इस मसले को लेकर लोगों की सहमति के साथ आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। शुक्रवार को भी पुलिस का कड़ा पहरा रहा। कई दिनों से यहां पर विवाद चला हुआ है।