कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की मुहिम को फोरेस्ट राइट्स एक्ट (एफआरए) का ग्रहण लग गया है। नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया है। बाकायदा मुख्यमंत्री …
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की मुहिम को फोरेस्ट राइट्स एक्ट (एफआरए) का ग्रहण लग गया है। नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया है। बाकायदा मुख्यमंत्री सुक्खू ने वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में राज्य में शिक्षा के स्तर को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देने के लिए यह फैसला लिया है, लेकिन नियमों के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जहां पर राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए 50 बीघा भूमि लेआउट करने का प्लान है, वह एफआरए के पेंच में फंसकर रह गया है। नियमों के तहत वन विभाग 50 बीघा एरिया यानी चार हेक्टेयर एरिया इस राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल को स्थापित करने के लिए नहीं दे सकता है। नियमों के तहत वन विभाग एफआरए के तहत एक हेक्टेयर एरिया ही मंजूर कर सकता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में शुरू की गई राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की मुहिम धीमी पड़ गई है।
अगर बात कुल्लू जिला की करें, तो यहां पर मनाली के जगतसुख कुल्लू के पिरडी बंजार के देयोगी आनी के आरसू गागनी सहित चार विस क्षेत्रों में जगहों को राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए चिन्हित किया गया है, लेकिन यहां पर भी एफआरए के फेर में मामला अभी तक सिरे नहीं चढ़ा है। उधर, शिक्षा विभाग उच्चतर उपनिदेशक शांतिलाल शर्मा का कहना है कि कुल्लू जिला की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सरकार के दिशा निर्देशों के तहत चार जगह को राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए चिन्हित किया गया है, लेकिन वर्तमान में प्लान लेआउट तो कर दिया गया है और भूमि भी चिन्हित हो गई है। वन विभाग के नियमों के तहत एक हेक्टर भूमि से ऊपर एफआरए के मामले को मंजूरी नहीं दी जा सकती है और ऐसे में इस तरह का आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए 50 बीघा यानी के चार हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। यह मसला संबंधित विभाग के माध्यम से सरकार को आगामी कार्रवाई अमल में लाने के लिए प्रेषित किया गया है। राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों में प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक लगभग 900 से 1000 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता होगी। इन स्कूलों में हाईटेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल, म्यूजिक रूम सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।