मंडी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने जिले में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को योजना के लाभार्थी बच्चों के लिए उपयुक्त मेंटरशिप और भविष्य के अवसरों पर सही करियर काउंसिलिंग पर विशेष फ ोकस करने को कहा है। उन्होंने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक …
मंडी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने जिले में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को योजना के लाभार्थी बच्चों के लिए उपयुक्त मेंटरशिप और भविष्य के अवसरों पर सही करियर काउंसिलिंग पर विशेष फ ोकस करने को कहा है। उन्होंने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए इस योजना में विशेषकर 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के किशारों की अभिरूचि जानकर उन्हें करियर को लेकर सही मार्गदर्शन प्रदान करने की व्यवस्था निर्मित करने पर बल दिया। उपायुक्त ने कहा कि इस योजना में बाल देखभाल संस्थानों में हर बच्चे के साथ एक मेंटर संरक्षक उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इस कार्य को पूरी गंभीरता से करें। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाना संभव है।
उन्होंने संस्थानों में दृष्टि व श्रवण बाधित बच्चों के लिए करियर काउंसिलिंग की विशेष व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी शारीरिक बाधा जीवन में आगे बढऩे में बाधा नहीं बन सकती। आज सभी के लिए जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। इन अवसरों की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही इनके लिए योजनापूर्वक तैयारी को लेकर काउंसिलिंग महत्वपूर्ण है। इसमें विशेषज्ञों की भी सेवाएं लें। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास) अजय कुमार बदरेल सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे ।
अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिले में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में 479 अनाथ बच्चे कवर हैं। इसके अलावा 356 बच्चे जिले के सरकारी और एनजीओ संचालित बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे हैं। इन बच्चों को सामाजिक सुरक्षा राशि के तौर पर बीते एक साल में लगभग 1.20 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। वहीं बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों को कपड़ा भत्ते के तौर पर 17.80 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। वहीं उन्हें पोषणयुक्त भोजन, स्वच्छता किटें मुहैया कराने तथा कॉपी-किताबें इत्यादि खरीदने को 21.36 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गई है। उन्होंने विभिन्न उत्सवों को लेकर उत्सव भत्ते के रूप में 8.64 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। वहीं इन संस्थानों को भी उत्सव आयोजनों के लिए करीब 5 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। स्पांसर स्कीम और फ ॉस्टर केयर योजना में करीब 40 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं।