ऊना। बारिश होने से जिला ऊना में गेहूं की फसल को जहां संजीवनी मिली है तो अब किसानों को फसल में खाद-उर्वरक डालकर बंपर पैदावार लेने का भी मौका है। कृषि विभाग के अनुसार जिला में मौसम खुल गया है और गेहूं की फसल में खाद-उर्वरक डालने का बिलकुल सही समय है। अगर किसान इन …
ऊना। बारिश होने से जिला ऊना में गेहूं की फसल को जहां संजीवनी मिली है तो अब किसानों को फसल में खाद-उर्वरक डालकर बंपर पैदावार लेने का भी मौका है। कृषि विभाग के अनुसार जिला में मौसम खुल गया है और गेहूं की फसल में खाद-उर्वरक डालने का बिलकुल सही समय है। अगर किसान इन दिनों में गेहूं की फसल में खाद-उर्वरक डालते हैं तो जमींदारों को गेहूं की फसल में बंपर पैदावार मिल सकती है। पिछले दिनों ऊना में खराब मौसम के दौरान 59 एमएम से अधिक बारिश हुई है। दो माह के सूखे के कारण ऊना में गैर सिंचित क्षेत्रों के किसानों नेे गेहूं की फसल से पैदावार होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन फिर से गेहूं की फसल को संजीवनी मिली। किसानों में होशियार सिंह, दरवारा लाल, करतार सिंह, सतपाल सिंह, नरेश कुमार, पवन कुमार, कुलबंत सिंह, मुकेश कुमार, सन्नी, सतपाल सिंह चौधरी, विकास वर्मा विक्की, हरीश कुमार, शिव कुमार ने कहा कि हर वर्ष किसानों को मौसम के कारण किसी न किसी फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से किसानों व जमींदारों की मदद के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। साथ ही प्राकृतिक आपदा से आहत हुए किसानों की मदद करने की गुहार लगाई है। कृषि विभाग के अनुसार जिला ऊना में सूखे की मार से 5000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल को 33 प्रतिशत नुकसान हुआ था, लेकिन बारिश होने से गेहूं की फसल को संजीवनी मिली है। फसल के सिंचित होने से 5000 हेक्टेयर भूमि में हुए नुकसान में 40 फीसदी फसल की रिकवरी हुई है, लेकिन 60 प्रतिशत फसल सूखे की मार को सह नहीं पाई। जिससे किसानों को बारिश के बाद भी काफी नुकसान हुआ है।