औट। चिकित्सकों के डेपुटेशन रद्द करने के फरमान आम लोगों के गले की फांस बनने लगे हैं। डाक्टरों की कमी की मार झेल रहे सरकारी अस्पतालों में पहले से स्वास्थ्य सेवाएं हाशिए पर हैं और रही सही कसर अब सरकार के ऐसे फ रमानों ने पूरी कर दी है। लिहाजा जो स्वास्थ्य संस्थान एक या …
औट। चिकित्सकों के डेपुटेशन रद्द करने के फरमान आम लोगों के गले की फांस बनने लगे हैं। डाक्टरों की कमी की मार झेल रहे सरकारी अस्पतालों में पहले से स्वास्थ्य सेवाएं हाशिए पर हैं और रही सही कसर अब सरकार के ऐसे फ रमानों ने पूरी कर दी है। लिहाजा जो स्वास्थ्य संस्थान एक या दो चिकित्सक के सहारे चल रहे हैं, वहां एक के आवकाश पर चले जाने या बीमार होने की सूरत में अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन हाई-वे पर स्थित 50 बेड का यह अस्पताल अब सफेद हाथी बन गया है। इसके अलावा स्नौर घाटी, कुल्लू जिला के बंजार और बालीचौकी क्षेत्र के मरीज भी इसी अस्पताल पर निर्भर हैं। नगवाईं सिविल अस्पताल इसका जीता जागता उदाहरण है। हादसों के लिए संवेदनशील कीरतपुर मनाली एनएच पर मंडी से नगवाईं तक यह अस्पताल सबसे अहम है।
आपातकाल में यह अस्पताल कई जिंदगियां बचा सकता है, लेकिन अफ सोस इस अस्पताल में छह में से महज दो चिकित्सक ही हैं और आजकल दोनों चिकित्सकों के अवकाश पर चल रहे हैं। जिससे लिहाजा बीएमओ को ही ओपीडी देखनी पड़ रही है। वहीं रात्रि सेवा और आपातकाल में सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हंै। ऐसे में रोगियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। बता दें कि रोजाना इस अस्पताल में डेढ़ सौ से दौ सौ के करीब ओपीडी होती है। वहीं बीएमओ नगवाईं डा. कर्णजीत सिंह ने बताया कि यहां छह में से दो चिकित्सकों के पद भरे हुए हैं। दोनों डाक्टर अवकाश पर हैं। मैं खुद भी ओपीड़ी ले रहा हूं। स्थिति से आला अफसरों को अवगत करवा दिया है।भाजपा नेता और मंडी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा उपचुनावों में प्रत्याशी रहे बिग्रेडियर खुशाल ठाकुर ने नगवाईं अस्पताल की दुर्दशा को लेकर गहरा रोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है, तब से हर विभाग के यही हाल हैं। नगवाईं अस्पताल फोरलेन पर एक महत्वपूर्ण कड़ी है, लेकिन इसी अस्पताल में चिकित्सक नहीं हैं। हजारों स्थानीय निवासी इस पर निर्भर करते हैं, लेकिन सरकार को लोगों की चिंता नहीं है। उन्होंने सरकार से नगवाईं अस्पताल में चिकित्सकों के रिक्त पदों को जल्द भरने की मांग की है।