पतलीकूहल। करीब एक सप्ताह से कुल्लू घाटी की ऊंची पर्वतमालाओं सहित सेब के बागानों में भारी बर्फ बारी व निचले क्षेत्रों में वर्षा की बौछार ने जहां वातावरण को पूरी तरह नम किया है वहीं पर घाटी प्रचंड शीत लहर की चपेट में हैं। मौसम के इस कडक़ मिजाज से खून को जमा देने वाली …
पतलीकूहल। करीब एक सप्ताह से कुल्लू घाटी की ऊंची पर्वतमालाओं सहित सेब के बागानों में भारी बर्फ बारी व निचले क्षेत्रों में वर्षा की बौछार ने जहां वातावरण को पूरी तरह नम किया है वहीं पर घाटी प्रचंड शीत लहर की चपेट में हैं। मौसम के इस कडक़ मिजाज से खून को जमा देने वाली ठंड की तासीर लिए हुए है। घाटी का बागबान खेतों व सेब के बागानों में कार्य करने के लिए तरजीह नहीं दे पा रहें है। खेतों व बागानों में अत्यधिक नमी के चलते जहां खुदाई का कार्य नहीं हो रहा है वहीं पर बागवान किसी प्रकार भी रासायनिक व जैविक खादों को नहीं डाल पा रहा है। हांलाकि बागवानों ने नवंबर के महीने में रासायनिक व जैविक खादों की खरीद कर उसे अपने भंडार में रखा हैं लेकिन मौसम उन्हेें खेतों व बागानों में डालने की इजाजत नहीं दे रहा है। पिछले छह दिनों से जिस तरह से मौसम एकदम कडक़ बना हुआ है घाटी के समुद्र तल से पांच हजार की फु ट की ऊंचाई से ऊपर सभी बागानों में आधा से अढ़ाई फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है।
हांलाकि निचले क्षेत्रों में यानी की समुद्र तल से पांच हजार फुट की ऊंचाइ से नीचे के बागानों में बर्फ की चादर दूसरे दिन ही गायब हो गई थी मगर बागानों में अत्यधिक नमी के चलते जरूरत से यादा नमी होने के कारण ख्रेतों में पांव धंसने लगे हैं । बागबान कुशाल चंद, अमर चंद, दीपलाल, मानचंद, जयचंद, दूनीचंद, सतपाल, कृष्णलाल ने कहा कि घाटी में छह दिन पहले बर्फबारी हुई जिससे बीच में एक दिन सुर्यदेव के दीदार हुए और तब से लेकर घाटी हर रोज काली घनघोर घटाओं की आगोश में रहकर प्रचंड ठंड का प्रवाह लिए हुए है जो कि खून को जमा देने वाली ठंड का अहसास करवा रही है। घाटी में आजकल जिस तरह से मौसम ने रौद्ररूप अतियार किया हुआ है उससे लोगों को घर के अंदर दुबके रहने के सिवाए कुछ भी कर पा रहे हैं। सुबह से शाम तक ठंड से बचने के लिए घरों के अंदर लगे तंदूर व हीटर के सहारे ठंड को भगा रहे हैं। बागबानों का कहना है कि जिस तरह से घाटी में पश्चिमी विक्षोभ का कडक़ मिजाज सक्रिय है जब तक वह शांत नहीं होता तब तक कृषि व बागवानी कार्य को तरजीह देने में अक्षम हैं। बहरहाल पिछले पांच छह दिनों से घाटी के लोगों को मौसम ने घर के अंदर ही दुबक कर रहने पर मजबूर कर रखा है। घाटी के निचले क्षेत्र में अब वर्षा की रिमझिम तक ही सीमित हैं और ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फ बारी का दौर चल रहा है जिससे घाटी प्रचंड शीत लहर की आगोश में है।