भराड़ी। घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उप तहसील भराड़ी स्थित आईटीआई को नौ साल बीत जाने के बाद अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। अभी तक यह आईटीआई किराये के भवन में ही चल रही है। हालांकि इस ओर आईटीआई प्रशासन की ओर से प्रयास शुरू किए गए हैं। लेकिन अभी तक कोई भी …
भराड़ी। घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उप तहसील भराड़ी स्थित आईटीआई को नौ साल बीत जाने के बाद अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। अभी तक यह आईटीआई किराये के भवन में ही चल रही है। हालांकि इस ओर आईटीआई प्रशासन की ओर से प्रयास शुरू किए गए हैं। लेकिन अभी तक कोई भी साकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। वहीं, अब घुमारवीं विधानसभा के विधायक एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री से उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। जल्द ही आईटीआई को अपना भवन नसीब होगा। जानकारी के अनुसार वर्तमान में आईटीआई में तीन कोर्स चलाए जा रहे हैं। कटिंग टेलरिंग, ड्रॉफ्समैन व ड्राइविंग कोर्स में 74 प्रशिक्षु, प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। करीब नौ वर्ष पहले उस समय की वर्तमान सरकार में तकनीकी शिक्षा व परिवहन मंत्री जीएस बाली व घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश धर्माणी के प्रयासों से आईटीआई स्वीकृत हुई थी। लेकिन आज तक भवन नसीब नहीं हो पाया है। यही नहीं अभी तक इस भवन के लिए अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। लाखों रुपये की राशी किराए के तौर पर दी जा रही है। जिससे सरकारी कोष पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा ऐसे कई उपकरण हैं जोकि आईटीआई प्रशिक्षणर्थियों के उपयोग के लिए लाए जाते हैं, लेकिन उन्हें स्थापित करने में दिक्कत आ रही है।
बताया जा रहा है कि कई जगह पर भूमि की तलाश भी जारी है। लेकिन अभी तक धरातल पर कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ पाए हैं। एक ओर तो वर्तमान सरकार शिक्षा क्षेत्र व विकास के बड़े-बड़ेे दावे अपने भाषणों में कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। बता दें कि अभी हाल ही में भराड़ी क्षेत्र में एक कार्यक्रम में पहुंचे तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आईटीआई के भवन को लेकर जल्द से जल्द जमीन मुहैया करवाने की बात कही है। जमीन मिलने के बाद जल्द ही भवन का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। राजेश धर्माणी ने कहा कि आईटीआई के भवन के लिए जमीन के साथ ही भवन मुहैया करवाने को लेकर प्राथमिकता के आधार पर प्रयास होंगे। जिससे उम्मीद है कि तकनीकी शिक्षा मंत्री से प्रयासों से जल्द ही आईटीआई को अपना भवन मिलेगा। उधर, इस विषय को लेकर आईटीआई प्रधानाचार्य राजीव कुमार ने बताया कि भवन के लिए भूमि तलाश जारी है। उपयुक्त भूमि न मिलने की वजह से दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि वैसे कुछ जगह चिन्हित कर प्रपोजल भेज दियाहै, जैसे ही जमीन उपलब्ध होती है तो प्रयास किए जाएंगे कि आईटीआई भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा। भराड़ी में आईटीआई के अलावा कई कार्यालय अभी वर्तमान में निजी भवनों में ही चल रहे हैं। कई लाखों रुपये किराए के रूप में निजी भवन मालिकों को दिए जा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि यहां पर व्यवस्थाओं का टोटा बहुत मात्रा में देखने को मिलता है।