सम्पादकीय

सरकार की तानाशाही रोकना जरूरी

Gulabi
18 Aug 2021 5:33 AM GMT
सरकार की तानाशाही रोकना जरूरी
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इस साल का संसद मानसून सत्र भी लगभग विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया, हालांकि कुछ विधेयक भी पास हुए

दिव्याहिमाचल।

इस साल का संसद मानसून सत्र भी लगभग विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया, हालांकि कुछ विधेयक भी पास हुए। हंगामे की भेंट चढ़े संसद सत्र पर सभी के अपने अपने विचार हैं। कुछ बुद्धिजीवी इसे लोकतंत्र के सरासर बर्खलाफ भी बता रहें हैं। हमारे देश की राजनीति का स्तर इस कद्र गिर चुका है कि विपक्ष और सत्ता पार्टी की विरोधी पार्टियां कभी भी सरकार के अच्छे फैसलों पर संसद के किसी भी सदन में हामी अपनी झूठी शान के लिए नहीं भरेंगी। ऐसे में यह उम्मीद भी नहीं की जा सकती कि कोई संसद के संसाधनों की बर्बादी की भी चिंता करे, लेकिन यह भी सच है कि अगर संसद में विपक्ष सरकार की नीतियों का विरोध नहीं करेगा तो सरकार तानाशाही की राह चलने से गुरेज नहीं करेगी। फिर भी संसद सत्र तो चलने ही चाहिए।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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