मनोरंजन

हिजाब विवाद पर फूटा जायरा वसीम का गुस्सा, मुस्लिम महिलाओं के सपोर्ट में कही ये बात

Rani Sahu
20 Feb 2022 9:20 AM GMT
हिजाब विवाद पर फूटा जायरा वसीम का गुस्सा, मुस्लिम महिलाओं के सपोर्ट में कही ये बात
x
आमिर खान (Aamir Khan) की सुपरहिट फिल्म 'दंगल' फेम जायरा वसीम (Zaira Wasim) तीन साल पहले फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था

नई दिल्ली: आमिर खान (Aamir Khan) की सुपरहिट फिल्म 'दंगल' फेम जायरा वसीम (Zaira Wasim) तीन साल पहले फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था. जायरा ने इंडस्ट्री को छोड़ने की वजह उनका मजहब बताया था. अब हिजाब विवाद के तेज होने के बाद जायरा वसीम ने भी इस विवाद पर अपनी राय रखी है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं का सपोर्ट करते हिजाब को लेकर बड़ी बात कही है. ये पोस्ट अब जमकर वायरल हो रही है.

इस्लाम में पसंद नहीं फर्ज है हिजाब
जायरा वसीम (Zaira Wasim) ने कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद को लेकर एक पोस्ट शेयर की है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. उन्होंने लिखा है, 'यह धारणा चली आ रही है कि हिजाब एक पसंद है, गलत जानकारी है. सुविधा या अज्ञानता की वजह से ऐसी धारणा बनी है. इस्लाम में हिजाब पसंद नहीं बल्कि फर्ज है. इस तरह जब एक महिला हिजाब पहनती है तो वह उस ईश्वर द्वारा दिए गए फर्ज को पूरा कर रही है, जिसे वह प्यार करती है और खुद को उसे समर्पित कर दिया है.'
सिस्टम से नाराज हैं जायरा
इसके आगे भी जायरा की पोस्ट में काफी कुछ है. वह आगे लिखती हैं, 'एक महिला के रूप में मैं कृतज्ञता और विनम्रता के साथ हिजाब पहनती हूं. मैं इस पूरी व्यवस्था के प्रति नाराजगी और विरोध प्रकट करती हूं जहां महिलाओं को धार्मिक प्रतिबद्धता के लिए रोका जा रहा है और उत्पीड़न हो रहा है. मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ पक्षपात को अपने मुताबिक बना लेना और एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना जहां उन्हें शिक्षा और हिजाब के बीच किसी एक को चुनना है या फिर उसे छोड़ना है, यह अन्याय से भरा है.'
बताया पूरे विवाद को एक ऐजेंडा
इसके आगे जायरा ने इस विवाद को एक ऐजेंडा बता दिया है. उन्होंने लिखा है, 'आप उन्हें एक विशेष पसंद को अपनाने पर मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं, जो आपके एजेंडे को चलाता है और फिर उनकी आलोचना करते हैं कि वे आपके द्वारा बनाए गए नियमों में कैद हैं.'
सशक्तिकरण के नाम पर बुरा हो रहा है
सबसे अंत में जायरा ने लिखा है, 'यह उन लोगों के साथ पक्षपात नहीं तो और क्या है जो यह जता रहे हैं कि वह उनके सपोर्ट में कार्य कर रहे हैं? ऊपर से यह दिखाना कि यह सब सशक्तिकरण के नाम पर हो रहा है, इससे बुरा कुछ नहीं है. यह बिल्कुल उसके उलट है. दुखी हूं.'
Next Story