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प्यार का पंचनामा, सोनू के टीटू की स्वीटी जैसी फिल्में देने वाले लव रंजन की तू झूठी मैं मक्कार में उनकी पिछली फिल्मों की तरह दोस्ती, रोमांस और गलतफहमियां हैं। लव की फिल्मों की खासियत मोनोलॉग होते हैं। यहां पर भी उनकी भरमार है। इस फिल्म में कॉमेडी की जगह तमाशा और रोमांस से ज्यादा मौज-मस्ती है।
क्या है फिल्म की कहानी?
कहानी दिल्ली में बिजनेस परिवार से ताल्लुक रखने वाले मिकी उर्फ रोहन अरोड़ा (रणबीर कपूर) की है। वह अपने दोस्त मन्नू डबास (अनुभव सिंह बस्सी ) के साथ युवा जोड़ों में ब्रेकअप कराने के बदले मोटी फीस लेता है। इस ब्रेकअप को कराने में वो ध्यान रखता है कि लड़का या लड़की आसानी से अपने रिश्तों से बाहर आ जाएं, यानी सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे।
फिल्म की ओपनिंग भी एक जोड़े के बीच ब्रेकअप करवाने से होती है। फिर मन्नू की बैचलर पार्टी में मिकी उसके साथ स्पेन जाता है। प्यार को सीरियस ना लेने वाला मिकी वहां मन्नू की मंगेतर किंची (मोनिका चौधरी) की बेस्ट फ्रेंड टिन्नी (श्रद्धा कपूर) को पहली नजर में दिल दे बैठता है।
वहां पर मौज-मस्ती के बाद दोनों दिल्ली लौटते हैं। मिकी अपनी मॉडर्न फैमिली से टिन्नी को मिलवाता है। सब कुछ ठीक चल रहा होता है। इस बीच टिन्नी भी ब्रेकअप सर्विस के लिए कॉल करती है। वह इस बात से अनजान है कि यह सर्विस मिकी ही चला रहा है। ब्रेकअप को मिकी रोकना चाहेगा या टिन्नी को अपने रिश्ते से आजाद कर देगा, कहानी इस संबंध में हैं।
कैसी है तू झूठी मैं मक्कार?
फिल्म का फर्स्ट हाफ तो मिकी और टिन्नी की स्पेन में मौज-मस्ती और नाच-गानों में ही बीत गया है। वह हिस्सा काफी खिंचा हुआ लगता है। जबकि चुस्त एडिटिंग से 164 मिनट लंबी इस फिल्म को आसानी से छोटा किया जा सकता था। मध्यांतर के बाद कहानी में थोड़ी गति आती है, लेकिन असल मुद्दे पर फिल्म आखिरी तीस मिनट में आती है। फिल्म में भले ही कई सारे लिपलॉक और टू पीस स्विमिंग सूट में श्रद्धा कपूर के सीन हैं, लेकिन यह कहीं से रोमांस को धार नहीं देते।
'तू झूठी मैं मक्कार' की कमजोर कड़ी है इसकी स्टोरी और स्क्रीन प्ले। टिन्नी अपना घर चाहती है। उसकी मां चार्टर्ड एकाउंटेंट बताई गई है, पर शादी के बाद उन्होंने घर गृहस्थी संभाली। उसकी क्या वजहें रहीं, जबकि टिन्नी का परिवार तो काफी आधुनिक है। टिन्नी की मां ने काम के लिए जिद की या नहीं, इस पर फिल्म बात नहीं करती।
टिन्नी अकेले रह रही है और आत्मनिर्भर है। वह कहीं से विद्रोही भी नहीं दिखाई गयी है। ऐसे में यह विरोधाभास समझ नहीं आता। इसी तरह मन्नू के ब्रेकअप के लिए मिकी सीरियस नहीं होता। पहले रिश्ता तोड़ने को बेकरार मन्नू चुपचाप शादी कर लेता है। वह कोई विरोध नहीं करता। उसके किरदार को भी समुचित तरीके से विकसित नहीं किया गया। हालांकि, अनुभव के हिस्से कुछ कॉमिक सीन जरूर आए हैं।
कैसा है रणबीर कपूर का अभिनय?
कलाकारों में रणबीर कपूर को रोहन के पात्र में देखकर लगता है कि फिल्म अंजाना अंजानी, तमाशा और ये जवानी है दीवानी में निभाए उनके पात्रों को मिला दिया गया है। यहां पर उनके हिस्से में काफी मोनोलॉग आए हैं, लेकिन यह खास दिलचस्प नहीं बन पाए हैं। बोल्ड अवतार में नजर आईं श्रद्धा कपूर के साथ उनकी प्रेम कहानी में प्रेम का आभास नहीं होता।
मां की भूमिका में डिंपल कपाड़िया जंची हैं। निर्माता बोनी कपूर ने इस फिल्म में रणबीर के पिता की भूमिका निभाई है। हालांकि, उनके हिस्से में कोई दमदार सीन नहीं आया है। बाल कलाकार इनायत वर्मा का काम उल्लेखनीय है। फिल्म में कार्तिक आर्यन और नुसरत भरूचा मेहमान भूमिका में जरूर जंचते हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ने दृश्यों की खूबसूरती में इजाफा किया है।
कलाकार: रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर, डिंपल कपाड़िया, बोनी कपूर, अनुभव सिंह बस्सी, मोनिका चौधरी
निर्देशक: लव रंजन
लेखक: राहुल मोदी और लव रंजन
अवधि: 164 मिनट
स्टार: दो
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