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धर्म-अध्यात्म
वैशाख अमावस्या आज...जानें कौन से कार्य करने से पितृ होंगे प्रसन्न
Subhi
11 May 2021 2:31 AM GMT
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हर महीने में 15-15 दिनों का दो पक्ष होता है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या कहते हैं
हर महीने में 15-15 दिनों का दो पक्ष होता है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या (Amavasya) कहते हैं और शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा (Purnima). इस तरह से हर महीने में एक बार और साल में 12 अमावस्या पड़ती है. हिंदू नव वर्ष का दूसरा महीना वैशाख अभी चल रहा है और वैशाख महीने की अमावस्या (Vaishakh Amavasya) आज 11 मई को है. मंगलवार के दिन पड़ने की वजह से इसे भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) का नाम भी दिया गया है. वैशाख अमावस्या का महत्व क्या है और किन उपायों को करने से आपके पितृ यानी पूर्वज होंगे प्रसन्न, इस बारे में यहां जानें.
वैशाख अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार वैशाख अमावस्या पितरों को मोक्ष (Pitro ko moksha) दिलाने वाली अमावस्या मानी जाती है. पितरों के तर्पण के लिए यह दिन बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. लेकिन कोरोना काल में घर से बाहर निकलने की बजाए आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर कर स्नान कर सकते हैं (Add ganga jal in bathing water). वैशाख अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए जल और अन्न का दान करना चाहिए (Donate food). ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपके परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है.
पितरों को प्रसन करने के उपाय
वैशाख अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें.
इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें, जल में तिल प्रवाहित करें, घर के मंदिर में दीप जलाएं.
इसके बाद अपने पितरों की शांति के लिए तर्पण करें और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार दान दें.
वैशाख अमावस्या के दिन सुबह में पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और शाम के समय पेड़ के पास दीपक प्रज्वलित करें.
अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है जिससे जीवन में आ रही कई तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं.
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