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तुलना में अलग-अलग बैरोमीटर से आंका जाता है। हम कुछ भी कर लें, लेकिन तब भी निशाने पर रहेंगे।'
बॉलीवुड में काफी समय से इनसाइडर और आउटसाइडर पर बहस चलती रही है। हमेशा से यही कहा जाता रहा है कि स्टार किड्स को बॉलीवुड में आसानी से फिल्में मिल जाती हैं। उन्हें कुछ स्ट्रगल नहीं करना पड़ता है और उनके लिए सबकुछ आसान नहीं होता। लेकिन तुषार कपूर ऐसा नहीं मानते। तुषार कपूर एक्टर जीतेंद्र के बेटे हैं, जो अपने जमाने के मशहूर स्टार रहे हैं। उनकी बहन एकता कपूर भी टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी प्रोड्यूसर हैं। तुषार कपूर के मुताबिक, इस सबके बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में स्टार किड जैसी तवज्जो नहीं मिली और वह खुद को आउटसाइडर ही मानते हैं।
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Tusshar Kapoor ने कसौली में चल रहे खुशवंत सिंह लिट्रेरी फेस्टिवल में Divya Dutta के साथ बातचीत के दौरान बॉलीवुड में 'इनसाइडर-आउटसाइडर' पर बात की। तुषार कपूर ने कहा, 'हर स्टार किड के लिए रेड कार्पेट नहीं बिछाया जाता है। जब मैं डेब्यू फिल्म 'मुझे कुछ कहना है' की शूटिंग कर रहा था तो मुझे अपने एक को-स्टार के लिए काफी देर इंतजार करना पड़ा था।'
डेब्यू फिल्म में करीना के लिए 12-14 घंटे इंतजार
तुषार ने आगे कहा, 'दूसरी स्टार किड करीना कपूर खान के लिए भी मुझे 12-14 घंटे इंतजार करना पड़ा था क्योंकि वह तब एक साथ चार फिल्मों में काम कर रही थीं। उनकी पहली फिल्म रिलीज होने वाली थी। लेकिन करीना की डिमांड तब ऐसी थी कि उन्होंने इतनी फिल्में साइन कर ली थीं।'
पिता की गलतियों से सीखा, एक साल पहले कही थी यह बात
तुषार कपूर ने पिछले साल भी इनसाइडर और आउडसाइर विवाद पर बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने पिता जीतेंद्र कि गलतियों से काफी कुछ सीखा। तुषार ने तब यह बात भी कबूल की थी कि स्टार किड होने के नाते पहली फिल्म आसानी से मिल जाती है। स्टार किड होने के कुछ फायदे भी हैं। तुषार कपूर ने कहा था, 'एक एक्टर का बेटा होने के नाते मैंने उनके (पिता जीतेंद्र) की गलतियों, सफलता और असफलताओं से सीखा है। लेकिन मेरा यह भी मानना है कि इंडस्ट्री के बच्चों यानी स्टार किड्स को शायद बाहर के अन्य लोगों (आउटसाइडर एक्टर्स) की तुलना में अलग-अलग बैरोमीटर से आंका जाता है। हम कुछ भी कर लें, लेकिन तब भी निशाने पर रहेंगे।'
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