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मुंबई | फिल्म स्वदेश में जावेद अख्तर का लिखा यह गाना हमें एक अनोखा अहसास कराता है। जब भी हम ये गाना सुनते हैं या स्क्रीन पर शाहरुख खान को इस गाने पर एक्टिंग करते देखते हैं तो हमें एक अलग ही एहसास होता है। जिसमें गर्व भी है, दर्द भी है और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है।
चक दे इंडिया: फिल्म चक दे का सुखविंदर सिंह का गाया यह गाना जब से फिल्म आई है इतना छाया कि तब से शायद ही कोई खेल आयोजन हुआ हो जिसमें यह न बजाया गया हो या लोगों ने भारतीय टीम का समर्थन न किया हो। आप खुद चिल्लाते हुए नहीं गए हैं। इस गीत का संगीत शुरू होते ही रग-रग में भारतीय होने का गौरव और उत्साह भर जाता है।
रंग दे बसंती: दलेर मेहंदी और चित्रा गया हुआ फिल्म का ये गाना रंग दे बसंती का नशा हर भारतीय के सिर चढ़कर बोलता है। एआर रहमान द्वारा रचित और प्रसून जोशी द्वारा लिखित इस गाने का हर शब्द जुनून और पागलपन का माहौल पैदा करता है।
ऐ मेरे वतन के लोगों: लता मंगेश्वर द्वारा गाया गया यह गीत प्रदीप द्वारा लिखा गया था और सी रामचंद्रन द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। देश के लिए शहीद होने वालों की याद और सम्मान में गाए गए इस गीत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू ला दिए थे।
मां तुझे सलाम: ऐ मेरे वतन के लोगों की की तरह यह गाना भी किसी फिल्म का नहीं है लेकिन किसी भी हिट बॉलीवुड गाने से ज्यादा लोकप्रिय है। मातृभूमि को सलाम करने वाले इस गाने को एआर रहमान ने कंपोज और गाया है। इसे मेहबूब कोटवाल ने लिखा है।
भारत का रहने वाला हूं: हमें भारतीय होने पर कितना गर्व है वर्षों से, मनोज कुमार अभिनीत फिल्म पूरब और पश्चिम का यह गाना दुनिया भर के लोगों को इसका एहसास करा रहा है। उन दिनों जब यह गाना बजता था तो इस गाने की खनक सब कुछ बता देती थी और यह नारा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती थी कि हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं। इसे इंदीवर ने लिखा है, कल्याण जी आनंद जी ने संगीतबद्ध किया है और महेंद्र कपूर ने गाया है।
दुल्हन चली: फिल्म पूरब और पश्चिम का एक और गाना तिरंगे के तीन रंगों का खूबसूरती से वर्णन करता है और स्वतंत्रता दिवस का गान बन गया है।
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