साउथ सुपरस्टार राम चरण (Ram Charan) और उनकी पत्नी उपासना कामिनेनी (Upasana Kamineni) 20 जून 2023 को शादी के 11 साल बाद एक बेटी के पैरेंट्स बने हैं, जिसका नाम उन्होंने क्लिन कारा कोनिडेला रखा है। कपल को उनके बेस्ट और रिच लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है। ऐसे में जब बात, बेटी की नर्सरी की आई, तब भी राम और उपासना ने इसे सबसे बेहतर बनाने की कोशिश की, जिसकी एक झलक सामने आई है।
राम चरण और उपासना कामिनेनी की बेटी की यूनिक नर्सरी
राम चरण और उपासना कामिनेनी ने अपनी बेटी के लिए प्रकृति से प्रेरित नर्सरी चुनी है। नर्सरी की दीवारें व्हाइट और हल्के सैल्मन पैलेट से बनाई गई हैं। दीवारों पर न्यूट्रल कलर एक फ्रेश और शांत वातावरण दे रहा था। इसके अलावा, नर्सरी में सॉफ्ट टेराकोटा का उपयोग किया गया है, जो दीवारों के कलर पैलेट से परफेक्टली मैच हो रहा है।
राम चरण और उपासना की बेटी की नर्सरी में 'अमराबाद टाइगर रिजर्व' के हैं प्रिंट
क्लिन कारा की नर्सरी में पक्षियों, जंगली जानवरों, फल वाले पेड़ों और कई अन्य चीज़ों के वॉलपेपर के साथ एक खेत जैसा एहसास मिलता है। वास्तुकार पवित्र राजाराम ने इस बौद्ध वास्तुकला से प्रेरित नर्सरी के बारे में बात करते हुए कहा, “विचार यह था कि प्रकृति को बच्चे के भीतर भी प्रवाहित होने दिया जाए। ताकि बच्चा जो पक्षी गीत बाहर सुनता है, वह नर्सरी के अंदर बनाए गए वॉलपेपर में भी झलके, जो हमने किए हैं।''
दरअसल, मेगा प्रिंसेस के कमरे का वॉलपेपर न्यू पैरेंट्स राम चरण और उपासना के वन्य जीवन के प्रति प्रेम को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। कमरे में 'अमराबाद टाइगर रिजर्व' के चंचल जानवरों के प्रिंट्स भी मौजूद हैं। फलों से लदे पेड़ों से लेकर भगवान के आशीर्वाद वाले कैरिकेचर तक, हर छोटी से छोटी बात का बारीकी से ध्यान रखा गया है।
उसी के बारे में बात करते हुए उपासना ने साझा किया, “हम दोनों को वन्य जीवन पसंद है और मेरा फाउंडेशन 'अमराबाद टाइगर रिजर्व' के साथ काम करता है, जो भारत के सबसे बड़े बाघ अभयारण्यों में से एक है, इसलिए कस्टम प्रिंट में चंचल जानवरों को शामिल किया गया है। हम हाथियों के लिए गहराई से महसूस करते हैं और हम उन्हें दीवार पर छपे प्रिंट में अठखेलियां करते हुए देखते हैं और उनकी खुशी महसूस करते हैं। वहीं, फलों के पेड़ इसी (हमारे) राज्य के पेड़ हैं। बैकग्राउंड में देवता चमेली के फूलों की वर्षा करते हुए आशीर्वाद दे रहे हैं। यह वह खूबसूरत प्राकृतिक दुनिया है, जिसमें हम अपने बच्चे को देखना चाहते थे।'