x
मुंबई | साउथ सिनेमा के प्रिंस कहे जाने वाले महेश बाबू आज 48 साल के हो चुके हैं। अपने जमाने के मशहूर तेलुगु स्टार कृष्णा बाबू के बेटे महेश ने महज 4 साल की उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। महेश को तेलुगु भाषा नहीं आती, लेकिन जब वो डायलॉग बोलते हैं तो कोई उनकी कमी पकड़ नहीं सकता।
आज महेश बाबू का क्रेज ऐसा है कि साउथ में जब भी उनकी फिल्में रिलीज होती हैं तो जश्न का माहौल बन जाता है। कोई थिएटर्स में हेलिकॉप्टर से फूल बरसाता है, तो कोई टिकट न मिलने पर थिएटर तोड़ देता है। महेश के क्रेजी फैंन उनके लिए कई बड़े वर्ल्ड रिकॉर्ड भी कायम कर चुके हैं। महेश बाबू फिल्म रील्स में ही नहीं, बल्कि रियल लाइफ के भी हीरो हैं। सालाना होने वाली कमाई का 30% हिस्सा महेश बाबू दान करते हैं। 2 गांव गोद लेने के साथ-साथ महेश हजार से ज्यादा बच्चों की हार्ट सर्जरी करवा चुके हैं। हालांकि, वो इन सभी कामों को सीक्रेट रखना पसंद करते हैं। 9 अगस्त 1975 को महेश बाबू का जन्म चेन्नई में हुआ। उनके पिता घटामनेनी सिवा रामा कृष्णा साउथ सिनेमा के बड़े स्टार थे और मां इंदिरा देवी एक घरेलू महिला। 5 भाई-बहनों कृष्णा, इंदिरा, रमेश, पद्मावती, मंजुला और प्रियदर्शनी में महेश चौथे नंबर पर थे। महेश बाबू की ज्यादातर परवरिश मद्रास में उनकी नानी के साथ रहते हुए हुई।
4 साल की उम्र में महेश एक दिन अपने पिता की फिल्म नीड़ा के सेट पर शूटिंग देखने पहुंचे। महेश के चेहरे का चार्म देखकर डायरेक्टर दसारी नारायण राव ने उन्हें फिल्म नीड़ा (1979) में रोल दे दिया। पहली फिल्म में महेश का अभिनय इतना दमदार था कि उन्हें लगातार शंखारवम, बजार राउडी, मुग्गुरु, कोडुकुल, गुड़ाचारी जैसी कई फिल्में मिल गईं। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट महेश ने करीब 9 फिल्मों में काम किया। जब महेश 15 साल के हुए तो लगातार मिलती बड़ी फिल्मों और उनकी शूटिंग का असर महेश की पढ़ाई पर पड़ने लगा। महेश के बिजी शेड्यूल को देखकर पिता कृष्णा बाबू को लगा कि महेश पढ़ाई में पीछे रह जाएंगे। जब पिता ने महेश को समझाया तो उन्होंने बात मानते हुए फिल्मों में काम करना छोड़ दिया। 9 साल बाद लोयोला कॉलेज, चेन्नई से पढ़ाई पूरी करने के बाद महेश बाबू ने पिता की रजामंदी मिलने के बाद दोबारा अपना फिल्मी करियर शुरू किया। महेश ने 1999 की फिल्म राजा कुमारुडु से बतौर लीड डेब्यू किया था। पहली ही फिल्म के लिए महेश बाबू को बेस्ट एक्टर डेब्यू का नंदी अवॉर्ड मिला। महेश के करियर की शुरूआती कुछ फिल्में फ्लॉप रहीं, लेकिन फिर 2005 में उन्होंने अथाड़ु फिल्म से स्टारडम हासिल किया। कल्ट फिल्म अथाड़ु तेलेगु सिनेमा और महेश के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है। महेश बाबू भले ही तेलुगु परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उन्हें तेलुगु भाषा नहीं आती थी।
जब वो फिल्मों में आए तो उन्हें तेलुगु भाषा में ही डायलॉग बोलने पड़ते थे। ऐसे में वो उन डायलॉग्स की मीनिंग समझकर उन्हें रटते और उन्हें बोलते थे। 2006 में आई महेश बाबू की फिल्म पोकिरि तेलुगु सिनेमा में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। हालांकि, 3 साल बाद मगाधीरा ने इसका रिकॉर्ड तोड़ दिया। सलमान खान की फिल्म वॉन्डेट, महेश बाबू की पोकिरि की हिंदी रीमेक है। फिल्म का मशहूर डायलॉग- एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता, भी पोकिरि फिल्म में तेलुगु में बोला गया था, जिसे बाद में सलमान ने हिंदी में बोला था। साल 2007 में महेश बाबू ने 7 महीने के लिए फिल्मों से ब्रेक लिया। कुछ समय बाद उन्होंने फिल्म कलेजा में काम करना शुरू किया, लेकिन वो फिल्म सालों तक अटकी रही। आखिरकार फिल्म 3 साल बाद 2010 में रिलीज हुई, लेकिन बॉक्स आॅफिस में कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी। साल 2011 में महेश ने फिल्म दोकुड़ु से धमाकेदार वापसी की। इसके बाद महेश ने बैक-टु-बैक कई हिट फिल्में दीं और टॉलीवुड के सुपरस्टार बने। रजनीकांत के बाद महेश बाबू साउथ इंडस्ट्री के हाईएस्ट पेड एक्टर हैं। महेश बाबू इकलौते साउथ स्टार हैं जिसके पास 8 नंदी और 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड हैं। फिल्म वमशी में साथ काम करते हुए महेश बाबू और नमृता शिरोडकर को प्यार हो गया। दोनों ने 4 सालों तक रिलेशन में रहने के बाद 2005 में शादी कर ली। कपल के 2 बच्चे गौतम और सितारा हैं।
Tagsसालाना आय का 30% हिस्सा दान करते हैं महेश बाबूMahesh Babu donates 30% of his annual incomeजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper
Harrison
Next Story