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मतलब आज भी कोई इसे सुने तो 90 के दशक की यादें ताजा हो जाती हैं।
बॉलिवुड ऐक्टर बॉबी देओल ने अपने करियर में तमाम फिल्में की हैं लेकिन उस तरह का उनको स्टारडम नहीं मिला, जैसे उनके पापा और सुपरस्टार धर्मेंद्र ने हासिल किया। हालांकि वेब सीरीज 'आश्रम' से उनको बहुत पॉप्युलैरिटी मिली। इसमें उनके अभिनय को बेहद पसंद किया गया। इस सीरीज का जिक्र होते ही जैसे ऐक्टर का ध्यान पहले आता है, वैसे ही इनके करियर के शुरुआती दौर की कुछ फिल्में हैं, जो सिर्फ इन्हीं की बदौलत याद की जाती हैं। इसमें से एक है 'गुप्त', जिसने अपनी रिलीज के 25 साल पूरे कर लिए हैं। यह उनकी दूसरी फिल्म थी। इससे जुड़े कुछ किस्से-कहानी हम आपको आगे बताने जा रहे हैं।
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साल 1997 में 4 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म 'गुप्त' (Gupt) को राजीव राय ने डायरेक्ट किया था। बॉक्स ऑफिस पर इस मूवी ने उस वक्त करीब 33 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया था। बॉबी के अलावा इसमें मनीषा कोइराला और कजोल भी थीं। लेकिन एक का रोल पॉजिटिव था तो काजोल ने विलेन का किरदार कर खूब वाहवाही लूटी थी। उन्हें इसके लिए बेस्ट विलेन कैटगरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। यह पाने वाली उस वक्त काजोल पहली फीमेल ऐक्ट्रेस थीं।
'गुप्त' में बॉबी पर भारी पड़ीं काजोल
'हिंदुस्तान टाइम्स' ने जब बॉबी (Bobby Deol) से पूछा कि क्या वह काजोल के ज्यादा अटेंशन पाने की वजह से डर गए थे, तो उन्होंने कहा था, 'मुझे ऐसा नहीं लगता। लोग काम देखते हैं, म्यूजिक देखते हैं। यह पहली फिल्म थी, जिसमें मैंने खूब डांस किया था। इस मूवी का एक्शन कमाल का था। इस तरह के विषय पर कभी फिल्में नहीं बनीं।' बात तो सही है कि इस मूवी का जो गाना था, 'दुनिया हसीनों का मेला है' और 'गुप्त गुप्त' बड़ा बढ़िया था। मतलब आज भी कोई इसे सुने तो 90 के दशक की यादें ताजा हो जाती हैं।
Neha Dani
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