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आनंद बक्षी का गजब किस्सा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने हिंदी सिनेमा में एक ऐसे संगीत युग को जन्म दिया जिसकी चर्चा संगीत प्रेमियों के बीच सदियों तक होती रहेगी। इस लोकप्रिय जोड़ी का एक सितारा लक्ष्मीकांत कुडालकर अब हमारे बीच भले ही नहीं रहा, लेकिन संगीत की दुनिया में इनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। लक्ष्मीकांत शांताराम कुडालकार का 25 मई 1998 को निधन हुआ और उसके बाद से उनके जोड़ीदार प्यारेलाल शर्मा ने भी फिल्मों से दूरी बना ली। ‘अमर उजाला’ ने लक्ष्मीकांत की यादों को लेकर उनकी बेटी और गायिका राजेश्वरी से ये एक्सक्सूलिव बातचीत की।
(मुस्कुराते हुए) मेरा असली नाम राजेश्वरी है ही नहीं। मेरा पूरा नाम राजराजेश्वरी है। मेरा जन्म हुआ तो मम्मी मुझे कुछ और नाम से पुकारना चाहती थी और वह नाम डैडी को पसंद नहीं था। जन्म के 12वें दिन नामकरण को लेकर पारिवारिक चर्चाओं के बीच एक दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता डैडी से मिलने आए तो उनके हाथों मे प्रसाद था। उन्होंने बताया कि ये राजराजेश्वरी मंदिर का प्रसाद है और वह दक्षिण भारत की बहुत प्रसिद्ध देवी हैं। बस, उन्हीं के नाम पर ने मेरा नाम रख दिया। धीरे धीरे राजराजेश्वरी के स्थान पर मुझे लोगों ने राजेश्वरी के नाम से बुलाना शुरू कर दिया
डैडी को बचपन से ही लगता था कि मेरी बेटी गा सकती है। उनकी हर कंपोजीशन में कुछ न कुछ ऐसी बात होती है जो बाकी लोगों के गीतों से हटकर होती है। जब से मैंने जन्म लिया तभी से उन गीतों को सुना है। जब मैं छोटी थी, डैडी अक्सर मुझसे कहते थे कि मेरा 'क्रांति' फिल्म की गीत 'जिंदगी की ना टूटे लड़ी' सुना दे। यह गीत डैडी ने मेरी मम्मी के लिए बनाया था। फिल्म 'एक दूजे के लिए' का गीत 'सोलह बरस की उमर को सलाम' भी वह स्टेज शो के दौरान सुनाने के लिए कहते थे। डैडी को मेरी आवाज में अपना ये गीत सुनना अच्छा लगता था।
मोहम्मद रफी साहब हमेशा घर पर आते थे। हमारे बंगले पारसमणि में डैडी ने म्यूजिक रूम भी बनाया था। रफी साहब, आनंद बक्शी अंकल, प्यारेलाल अंकल, संतोष आनंद अंकल, साहिर लुधियानवी साहब हमेशा आते थे। एकाध बार किशोर दा भी आए थे लेकिन लता मंगेशकर जी और आशा भोसले जी नहीं आती थी। डैडी उनको गाना रिकॉर्ड करके भेजते थे। लताजी उसे सुनकर सीधे रिकॉर्डिंग स्टूडियो में आती थी। किशोर दा को भी गाना रिकॉर्ड करके भेजते थे। बहुत सारे एक्टर भी आते थे। खास तौर तब, जब उनकी अगले दिन गाने की शूटिंग शुरू होने वाली होती थी तो स्टूडियो में गाना सुनने आते थे।
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