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Death Anniversary : के एन सिंह बेहतरीन कैरेक्टर एक्टर और विलेन थे, जानें दिग्गज एक्टर से जुड़ी खास बातें

Bhumika Sahu
31 Jan 2022 2:43 AM GMT
Death Anniversary :  के एन सिंह बेहतरीन कैरेक्टर एक्टर और विलेन थे, जानें दिग्गज एक्टर से जुड़ी खास बातें
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के एन सिंह (K N Singh) एक खिलाड़ी थे जो आर्मी में जाना चाहते थे. उनका जन्म देहरादून में हुआ था. वो 1936 के बर्लिन ओलंपिक के लिए चुने भी गए थे लेकिन वो किसी कारणवश शामिल नहीं हो पाए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) के शुरुआती दिनों में बहुत मुश्किलें थी. संसाधनों के आभाव के साथ-साथ सिनेमा निर्माण एक चुनौतीपूर्ण काम था लेकिन उस दौर में भी बड़े कलाकारों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और भारतीय सिनेमा के विकास की बागडोर खुद संभाली. 20 शताब्दी की शुरुआत ये वो दौर था जब भारतीय सिनेमा उग रहा था. उस उगने के समय में कुछ लोग थे जो साथ-साथ इसमें सहयोग दे रहे थे, उन्हीं में से एक थे एक्टर के एन सिंह. अपने समय के सबसे मशहूर कैरेक्टर आर्टिस्ट और फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले के एन सिंह (K N Singh) का पूरा नाम कृषन निरंजन सिंह (Krishan Niranjan Singh) था. उन्होंने करीब 2 दशक तक भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दिया और उसे आगे ले जाने में बहुत बड़ा रोल निभाया. ये वो दौर था जब कलाकारों की कमी थी, संसाधनों की कमी थी और फिल्मों से जुड़े लोग पैसे के मोहताज थे. आज इन दिग्गज कलाकार की पुण्यतिथि है. आइए उनकी पुण्यतिथि पर जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें.

ओलंपिक खेलों के लिए चुने गए थे के एन सिंह
के इन सिंह का जन्म 1 सितंबर 1908 में हुआ था. वो भारतीय सिनेमा के एक दिग्गज कैरेक्टर आर्टिस्ट थे जिन्होंने कई फिल्मों में विलेन का किरादर निभाया था. उनके अभिनय की खूब चर्चा हुआ करती थी. 1936 से लेकर 1980 तक वो भारतीय सिनेमा में एक्टिव रहे इस बीच उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनके पिता चांदी प्रसाद सिंह भारत के एक महंगे और अच्छे क्रिमिनल लॉयर थे. के एन सिंह एक खिलाड़ी थे जो आर्मी में जाना चाहते थे. उनका जन्म देहरादून में हुआ था. वो 1936 के बर्लिन ओलंपिक के लिए चुने भी गए थे लेकिन वो शामिल नहीं हो पाए.
कोलकाता में हुई थी पृथ्वीराज कपूर से मुलाकात, बदल गई जिंदगी
कोलकाता की यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात अपने पारिवारिक दोस्त पृथ्वीराज कपूर से हुई जिन्होंने उन्हें निर्देशक देबकी बोस से मिलवाया. देबकी ने ही उन्हें पहला काम 'सुनहरा संसार' में डबल रोल के लिए ऑफर किया. सिंह ने 1938 में आई फिल्म 'बागबान' की सफलता के बाद जाने-पहचाने एक्टर बन गए. ये फिल्म जुबली हिट साबित हुई. इसमें मुख्य भूमिका में नजर आए थे सिंह.
कई आइकॉनिक फिल्मों में किया काम
इस फिल्म की सफलता के बाद के एन सिंह इंडस्ट्री में लगातार काम करने की शुरुआत कर दी उन्हें कई फिल्मों के लिए अप्रोच किया जाने लगा. 1940 से 1950 के दौरान सिंह ने कई आइकॉनिक फिल्मों में काम किया जिनमें बसे मुख्य हैं, सिकंदर (1941), ज्वार भाटा (1944), हुमायूं (1945), आवारा (1951), जाल (1952), सीआईडी (1956), हावड़ा ब्रिज (1958), चलती का नाम गाड़ी (1958) और आम्रपाली (1966) जैसी फिल्में शामिल है. वो अधिकारतर फिल्मों में विलेन के किरदार में नजर आए


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