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- चिंता चिता समान रे...
चिंता न करें, इस देश की समस्याओं को हल करने का एक नया तरीका तलाश लिया गया है। अंग्रेज़ जब भारत छोड़ कर गए थे तो लगभग पौन सदी पहले जो देश आज़ाद कहलाता हुआ हमारे राष्ट्र निर्माताओं को नवनिर्माण के लिए मिला था, उसके पास अपने सांस्कृतिक गौरव के सिवा तब अभिमान करने के लिए संभवतः कुछ भी नहीं था। उस समय भारत के सीने पर एक लकीर खींच दी गई। करोड़ों लोगों को घर-बार जमा जत्था छोड़ कर अपने पूर्वजों की धरती से निष्कासित हो नई धरती, नई मिट्टी को गले लगाना पड़ा था या उसे चंदन समझ माथे पर लगाना पड़ा था। आज़ाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। दुनिया का सबसे बड़ा समाजवादी देश बनेगा। अमीर और गरीब में कोई अंतर नहीं रहेगा। ठीक है दो सौ बरस की गुलामी के कारण बहुत पिछड़ गया था अपना देश। इसे योजनाबद्ध आर्थिक विकास की पटरी पर कुछ इस प्रकार सरपट भगाया जाएगा कि सदियों की भूख, बेकारी, बीमारी और दरिद्रता दूर हो जाएगी।