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- पाला बदल की चिंता
राज्य हो या केंद्र, चुनाव में जब स्पष्ट बहुमत का अभाव हो जाता है, तो गठबंधन या दलबदल की जरूरत पड़ने लगती है। अत: जिन राज्यों में ऐसी आशंका है, वहां सभी दल अपने-अपने ढंग से बचाव में जुट गए हैं। गोवा के बारे में सूचना है कि कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर सचेत हो गई है। उसे दलबदल का भय सताने लगा है। खबर यहां तक है कि गोवा कांग्रेस ने दलबदल के भय से अपने प्रत्याशियों को रिजॉर्ट में भेज दिया है। अपने विधायकों को दलबदल या खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए यह तरीका नया नहीं है। बड़ी-छोटी अनेक पार्टियों में समय-समय पर ऐसी अप्रिय स्थितियां पैदा हुई हैं। गोवा में कांग्रेस का ताजा भय आधारहीन नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गोवा की 40 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी, पर 13 सीटें जीतने के बावजूद छोटी पार्टियों और निर्दलीयों की मदद से भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। भाजपा की राजनीतिक तैयारी या चेष्टा का कोई तोड़ कांग्रेस के पास नहीं था। कांग्रेस उस दलबदल से इतनी कमजोर हो गई थी कि बाद में उसके 15 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान