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- अशोक गहलोत के लिए...
प्रवीण कुमार कांग्रेस शासित राजस्थान के सरकारी महकमे में फैले भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिना लाग-लपेट के वो सच बोल गए जिससे आमतौर पर राजनेता बचने की कोशिश करता है और बचना भी चाहिए. उन्होंने कहा- "भ्रष्टाचार सभी जगह है. किसी एक विभाग में नहीं है. यहां तक कि जो विभाग मेरे पास है उनमें भी भ्रष्टाचार नहीं होने की गारंटी नहीं दे सकता." गारंटी क्यों नहीं दे सकते? इसका जवाब भी वह अपने बड़बोलेपन में यह कहकर दे गए- "भ्रष्टाचार करने वाले भी तो अपने ही लोग हैं, बाहर के लोग तो हैं नहीं कोई, विदेशी लोग थोड़े ही हैं." सीएम गहलोत के इस तरह के बोल के क्या मायने निकाले जाएं? यह एक बड़ा सवाल है और इससे भी बड़ा सवाल यह कि भ्रष्टाचार को रोकना इतना मुश्किल क्यों हो गया है? आखिर क्यों राजनीति का जादूगर अपनी सरकार में भ्रष्टाचार को मिटाने में खुद को इतना बेबस और असहाय महसूस कर रहा है?