सम्पादकीय

एग्जिट पोल के नतीजों से क्यों खफा हैं अखिलेश यादव ?

Gulabi
9 March 2022 9:10 AM GMT
एग्जिट पोल के नतीजों से क्यों खफा हैं अखिलेश यादव ?
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यूपी के चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों ने जहां बीजेपी का खून बढ़ा दिया है
By: नरेन्द्र भल्ला।
यूपी के चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों ने जहां बीजेपी का खून बढ़ा दिया है, तो वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसे खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी एग्जिट पोल के जरिए एजेंडा सेट कर रही है, ताकि मतगणना में धांधली की जा सके. दरसअल, सोमवार को आए सभी एग्जिट पोल में पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनाने का दावा किया गया है. हालांकि ऐसा नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सही ही साबित हुए हों.
साल 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान सारे एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे. सिर्फ एक सर्वे एजेंसी का अनुमान सही निकला था, जिसने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 62 सीट मिलने का दावा किया था, लेकिन उसने 67 सीटें जीतकर तमाम एग्जिट पोल के अनुमानों को ध्वस्त कर दिया था. इसलिए यह मान लेना कि एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक ही वास्तविक नतीजे भी आएंगे, बड़ी भूल होगी. बेशक इन अनुमानों से इतना इशारा जरूर मिल जाता है कि किस पार्टी को बहुमत मिल सकता है.
सपा को एग्जिट पोल में बहुमत नहीं
लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर अखिलेश यादव की नाराजगी इसलिए भी है कि किसी भी एजेंसी ने सपा को बहुमत मिलना तो दूर, उसके आसपास सीटें मिलते हुए भी नहीं दिखाया है. यही वजह थी कि आज उन्होंने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसके खिलाफ अपनी भड़ास निकाली और साथ ही चुनाव आयोग पर भी धांधली का आरोप जड़ दिया. उन्होंने कहा कि ये जो कल एग्जिट पोल आए हैं, मैं उन पर बोलना नहीं चाहता. लेकिन ये एग्जिट पोल परसेप्शन क्रिएट करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जीत रही है. जिससे कि अगर वो चोरी भी करें तो पता ना लगे कि चोरी हुई है. इसीलिए अगर हमने वोट दिया है तो मैं नौजवानों, किसानों और बाकी लोगों से कहूंगा कि उतनी ही जम्मेदारी हमारी भी बनती है कि वोट को हम बचाएं. अगर वोट नहीं गिना जाएगा तो लोकतंत्र कहां जाएगा. मैंने कई बार कहा है कि उत्तर प्रदेश का चुनाव लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है.
अखिलेश यादव के अधिकारियों पर आरोप
उन्होंने दावा किया कि सीएम योगी के सबसे बड़े अधिकारी, प्रमुख सचिव का जगह-जगह फोन जा रहा है कि जहां बीजेपी हारे वहां-वहां काउंटिग स्लो (वोटों की गिनती धीरे) कीजिए. साथ ही उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि आज बनारस में ईवीएम ले जाई जा रही थी. एक ट्रक पकड़ा गया, दो ट्रक लेकर भाग गए. अखिलेश यादव ने कहा, "अगर सरकार वोट की चोरी नहीं कर रही थी तो बताए कि एक गाड़ी रोक ली, पकड़ी गई... दो गाड़ियां क्यों भागी? अगर कोई चोरी नहीं थी तो प्रशासन ने सुरक्षा का इंतज़ाम क्यों नहीं किया. इतनी फोर्स है अभी. इलेक्शन की फोर्स यूपी से गई नहीं है. तो आखिरकार अधिकारी सुरक्षा क्यों नहीं कर रहे थे? क्या वजह है कि बिना सुरक्षा इंतज़ाम के ईवीएम ले जा रहे थे."
हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "वाराणसी में EVM पकड़े जाने का समाचार उप्र की हर विधानसभा को चौकन्ना रहने का संदेश दे रहा है. मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें. युवा लोकतंत्र व भविष्य की रक्षा के लिए मतगणना में सिपाही बने!" अखिलेश ने एक सवाल ये भी उठाया है कि उम्मीदवार को जानकारी दिए बगैर ईवीएम को मूव (यहां से वहां) नहीं कर सकते हैं. अगर आपको ईवीएम को मूव करना है तो कम से कम जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी जानकारी में होना चाहिए. हालांकि अखिलेश के आरोप पर चुनाव आयोग अपनी सफाई दे चुका है. लेकिन बीजेपी नेता अखिलेश के इन आरोपों को उनकी हार की बौखलाहट करार दे रहे हैं.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
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