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- कब आएंगे वे दिन
क्या कभी वे दिन भी आ जाएंगे जब कि भरपूर मेहनत करने वाला अपमानित, लांछित और निर्वासित होकर किसी विरोधी धरना प्रदर्शन करने के काबिल भी नहीं रह जाएगा। पहले की तरह ही छुटभैये सभी अदब कायदे तोड़ कर पहचान के शिखर पर बैठ कर अब भी मुस्कराते रहेंगे। ऐसा सवाल पूछने वाले आजकल उज़बक कहलाते हैं। वे दिन बीत गए जब आत्म-विश्वास से भरे हुए दृढ़-प्रतिज्ञ लोग रुक कर अजनबी धरती के किसी भी कोने पर पांव टिका कर कह देते थे कि 'हम जहां खड़े हो गए, कतार वहां से ही शुरू हो जाती है।' आज अंतरराष्ट्रीय मानक संस्थानों से लेकर भ्रष्टाचार को मापने वाली ट्रांस्पेरेंसी अंतरराष्ट्रीय संस्थान जैसी संस्थाएं भी आह भर कर उद्दाम जोश से भरे इन लोगों को कह देती हैं कि 'होगी जनाब, आप में कोई भी नई कतार शुरू करने की ताकत, परंतु पहले यह बताइए कि आपके सिर पर यह कतार शुरू करने के लिए किसी गॉड फादर का हाथ है?' हमने 'मारिया पिजो' के उपन्यास का नाम 'गॉडफादर' सुना था कि जिसके एक इशारे पर एक नई कतार ही शुरू नहीं होती थी, पूरी चलती बिसात ही उलट कर नई बिसात बिछा दी जाती थी। हम जानते थे कि गॉडफादर एक अंग्रेज़ी शब्द है।