- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- गरीबी-मुक्त भारत कब?
देश का एक बड़ा हिस्सा गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा में जीने को विवश है। हमारा भुखमरी सूचकांक भी बेहद दयनीय है। कुल 116 देशों में भारत का स्थान 101वां है। यह स्थिति तब है, जब 30 फीसदी लोकसभा सांसद इन्हीं राज्यों से आते रहे हैं। ये देश के सबसे बड़े राज्यों में शामिल हैं, लेकिन आज भी ये राज्य 'बीमारू' की श्रेणी में मौजूद हैं। यह किसी निजी, पेशेवर अथवा अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के सर्वेक्षण के निष्कर्ष नहीं हैं। यह भारत सरकार के नीति आयोग की हालिया रपट के सारांश हैं। बिहार की करीब 52 फीसदी आबादी गरीब है। उप्र में यह औसत करीब 38 फीसदी है। झारखंड में करीब 42 फीसदी और मप्र में करीब 37 फीसदी है। झारखंड को छोड़ कर शेष राज्यों में भाजपा-एनडीए की सरकारें हैं। सर्वेक्षण के दौर में झारखंड में भी भाजपा सरकार ही थी। मप्र में तो 2003 से, बीच में डेढ़ साल को छोड़ कर, भाजपा ही सत्ता में रही है। वहां दावा किया जाता रहा है कि राज्य 'बीमारू' की जमात से बाहर आ चुका है, लेकिन यथार्थ कुछ और ही है।
divyahimachal