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- अब मुकदमे का क्या
वेबसाइट विकीलिक्स के संस्थापक जुलियन असांज के खिलाफ चल रहे मुकदमे में जब मुख्य गवाह ही मुकर गया है, तो फिर उन पर मुकदमा जारी रखने का क्या तुक बनता है? गौरतलब है कि जुलियन असांज दो साल से भी अधिक समय से ब्रिटेन में जेल में हैँ। उसके पहले सात साल वे लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में बतौर शरणार्थी रहे। मूल रूप से ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार रहे असांज ने विकीलिक्स वेबसाइट बनाई थी। 2011 में उस पर हुए खुलासे ने सारी दुनिया में खलबली मचा दी थी। अमेरिका सरकार की छवि उससे खास तौर पर प्रभावित हुई। अमेरिका ने तब से असांज पर जासूसी कानून के तहत मुकदमा दायर कर रखा है। विकीलिक्स ने अफगानिस्तान और इराक युद्धों के बारे में ऐसे दस्तावेज प्रकाशित किए थे, जिनके आधार पर अमेरिकी फौज पर युद्ध अपराध करने के आरोप लगे थे। जासूसी का मुकदमा इस आधार पर है कि असांज ने अपने एक वोलिंटियर से नाटो के एक सदस्य देश की गोपनीय फाइल की हैकिंग कराई। लेकिन जिस व्यक्ति की गवाही के आधार पर ये सारा केस बुना गया था, वह अब मुकर गया है।