सम्पादकीय

दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के इमाम का ईद नहीं मनाने के आह्वान का क्या है मकसद

Rani Sahu
1 May 2022 10:05 AM GMT
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के इमाम का ईद नहीं मनाने के आह्वान का क्या है मकसद
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दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद (Fatehpuri Mosque) के इमाम डॉ मुफ्ती मोहम्मद मुक्कराम अहमद द्वारा ईद नहीं मनाने का आह्वान किया गया है

एम हसन |

दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद (Fatehpuri Mosque) के इमाम डॉ मुफ्ती मोहम्मद मुक्कराम अहमद द्वारा ईद नहीं मनाने का आह्वान किया गया है. इस आह्वान से समुदाय के मौजूदा संकट के गहराने की संभावना है. फिलहाल ऐसा लगता है कि समुदाय अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए ईद (Eid Ul Fitr 2022) नहीं मनाएगा . लेकिन साथ ही यह सत्तारूढ़ केंद्र सरकार के खिलाफ वैश्विक समुदाय के लिए एक संदेश भी हो सकता है. भारतीय मुसलमानों ने देश में लिंचिंग के मामलों के विरोध में अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर साल 2017 में ईद-उल-फितर मनाया था. मुसलमानों के खिलाफ भीड़ की हिंसा(Mob Violence) की घटनाओं में तेजी की वजह से उन दिनों समुदाय में हर्ष उल्लास की कमी थी. समुदाय ने तब भी सरकार के खिलाफ अपने विरोध का इजहार किया था. उनका कहना था कि सरकार समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ रही है. ट्विटर पर "#EidWithBlackBands" हैस-टैग को व्यापक प्रतिक्रिया मिली थी .
मौजूदा हालात को देखते हुए और जैसे-जैसे महीने भर का रमज़ान अब समाप्त होने वाला है तो प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @PMOIndia से पैगंबर मोहम्मद के भव्य गुणों की सराहना करते हुए एक संदेश जारी किया गया है . ट्वीट में कहा गया है: " पैगंबर मोहम्मद दृढ़ता से ज्ञान और करुणा में विश्वास करते थे और संकीर्णता के खिलाफ थे क्योंकि इस तरह की प्रवृत्ति से ज्ञान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ."
एक दूसरे ट्वीट में @PMOIndia ने लिखा है कि ," पैगंबर का मानना था कि गरीबों को खाना खिलाना और उनकी मदद करना सबसे अच्छा मानवीय कार्य है , चाहे आप उन्हें जानते हों या नहीं ."
इस बीच रमजान के आखिरी शुक्रवार की नमाज के दौरान मुस्लिम समुदाय ने देश में शांति, सौहार्द और कल्याण की दुआ की . शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा की जा सके इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नमाज अदा की गई .
Rani Sahu

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