सम्पादकीय

क्या है सोनिया गांधी की कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को फ़ोन करने की रणनीति

Gulabi
3 Jan 2022 8:39 AM GMT
क्या है सोनिया गांधी की कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को फ़ोन करने की रणनीति
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कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को फ़ोन करने की रणनीति
कुमार विक्रांत।
कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिशों में जुट गई है. पार्टी आम जनता के बीच ये सन्देश देना चाहती है कि, इस पूरे संकट को सरकार ने सही तरीके से हैंडल नहीं किया और समय रहते कदम नहीं उठाए.
इसी रणनीति के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अभी से अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन करके तीसरी लहर से निपटने के लिए निर्देशित कर रही हैं. सोनिया ने छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद पंजाब के सीएम चन्नी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से भी फ़ोन पर बात की है.
दरअसल, कांग्रेस इस मसले पर जल्दी ही एक ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है जिसमें वो मोदी सरकार पर कोरोना संकट से निपटने में दूरदर्शिता की कमी का आरोप अपने तथ्यों के साथ जनता के बीच लाएगी.
11 अहम बिंदु तैयार हैं
1.राहुल गांधी ने 12 जनवरी 2020 को कहा था कि, कोरोना एक बड़ा संकट आ रहा है, तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के जवाब दिया था कि, राहुल देश को जबरन डरा रहे हैं.
2.लॉकडाउन लगाने की टाइमिंग सही नहीं रही, उल्टे राजनीति करते हुए एमपी की कमलनाथ सरकार गिराने का इंतज़ार किया गया.
3.तमाम गरीब मज़दूरों को पैदल घर पहुंचने के लिए बेसहारा छोड़ दिया गया.
4.जब राहुल ने कहा कि, कोरोना संकट आर्थिक सूनामी लेकर आएगा तब भी सरकार के मंत्रियों ने इसका मज़ाक उड़ाया और गम्भीरता से नहीं लिया.
5.कोरोना की दूसरी लहर में गंगा में लाशें, अफरातफरी, दवाओं और अस्पतालों की किल्लत सबके सामने रही, लेकिन
पीएम बंगाल चुनावों में बड़ी बड़ी सभाएं करते रहे. उनको सभाएं रोककर सन्देश देना था, लेकिन आखिर में राहुल ने चुनावी रैलियां रद्द करके सन्देश दिया.
6. जिन डॉक्टरों और सफाईकर्मियों को कोरोना वारियर्स बताकर ताली थाली बजवाई वही अपने हितों पर कुठाराघात बताकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
7.गरीबों के खाते में सिर्फ 500 रुपये डाले गए, जो नाकाफी हैं, न्याय योजना के तहत रकम डाली जाए, जिससे पैसों का सर्कुलेशन हो और अर्थव्यवस्था में सुधार हो.
8. कोरोना संकट का बहाना बताकर अर्थव्यवस्था में कमजोरी और बेरोज़गारी के मुद्दे पर सरकार अपनी विफलता छिपाना चाह रही है जबकि, आंकड़े बताते हैं कि, 2018 में ही बेरोजगारी 45 सालों में सबसे ऊपर थी और अर्थव्यवस्था 2017 से ही चरमराने लगी है.
9.पेट्रोल डीजल से लेकर महंगाई अपने चरम पर है लेकिन मोदी सरकार जनता को राहत देने के लिए कुछ कर नहीं पा रही. उल्टे नए साल पर तमाम जरूरी चीजों पर जीएसटी बढाकर सरकार ने जनता को चोट दे दी है.
10. एक तरफ देश कोरोना से जूझ रहा है, सीमा पर सेना चीन से मुकाबला कर रही है लेकिन मोदी सरकार की ढुलमूल नीति के चलते चीन लगातार पांव पसार रहा है.
11. मोदी सरकार ने 2021 तक सभी वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाने का वादा किया था. खुद सरकार के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐलान किया था, लेकिन वो भी जुमला साबित हुआ.
अपने इन आरोपों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए कांग्रेस इससे जुड़े बयान, वीडियो और पर्चे बनाने की मुहिम में जुट रही है. खुद राहुल ने इसी से जुड़ा वीडियो नए साल पर ट्वीट भी किया है. इसी फेहरिस्त में सोनिया गांधी के कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किये गए हैं, जिससे पार्टी आम जनता को बता सके कि, वो संकट को लेकर ज़्यादा गम्भीर और चिंतित है जबकि, मोदी सरकार सिर्फ चुनावों में व्यस्त है और कोरोना काल के पिछले अनुभवों से भी सीख नहीं ले रही.
कुल मिलाकर कांग्रेस कोरोना के हथियार का चुनावी इस्तेमाल करने के लिए सारा सियासी गोला बारूद जमा करने में जुटी चुकी है और आने वाले वक्त में इसके जरिये मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले भी करेगी.
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