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- युद्ध एक निरंकुश सनक
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को तीन दिन बीत चुके हैं। रविवार को चौथा दिन था। रूसी सेना अभी तक राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर सकी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की शनिवार रात्रि तक मुक्त थे और कीव में ही डटे हुए थे। उन्होंने सैन्य मोर्चा भी संभाल रखा था। उनके आह्वान पर यूक्रेन के नागरिक लामबंद हुए हैं और गलियों, मुहल्लों तक पहुंची रूसी सेना पर घातक प्रहार कर रहे हैं। यहां रूस असहाय और असमंजस में लगता है। यदि वह नागरिकों पर सीधा जानलेवा प्रहार करता है, तो रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर हमेशा के लिए 'नरसंहार' का कलंक चस्पा हो जाएगा। वैसे रूस ने अभी तक जो किया है, बेशक वह प्रत्यक्ष तौर पर 'नरसंहार' करार नहीं दिया जा सकता, लेकिन पुतिन की सनक और निरंकुशता ने यूक्रेन जैसे खूबसूरत देश का एक बड़ा हिस्सा तबाह कर दिया है। शहर-दर-शहर मलबे के ढेर हैं। रिहायशी इमारतों को ध्वस्त किया गया है। बेशक दावे और स्पष्टीकरण कुछ भी हों। यूक्रेनी आबादी बेघर और लावारिस हो रही है।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचल