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- उत्तराखंड: सड़कों की...
उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का काफी विकास हुआ है और काफी चौड़ी-चौड़ी सड़कें बनाई गई हैं। लेकिन पहाड़ की सड़कें आज आपदाओं के संदर्भ में भी बहस के केंद्र में हैं। इस माह चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ के कई गांवों में गिरते शिलाखंडों, मलबों, दरकती जमीनों से लोग भयभीत हैं। वे सो नहीं पा रहे हैं। सौ से अधिक ऐसे गांवों के लोग अपने कष्टों का कारण सड़कों को मान रहे हैं और चाहते हैं कि उनके गांव को कहीं और बसा दिया जाए। हालांकि सड़कों के पास रहने का लोभ भी वे नहीं रोक पाते हैं। सड़कें न सिर्फ बेहतर भविष्य की आस जगाती हैं, बल्कि सड़कों के आसपास की जमीन का भाव भी बढ़ जाता है। सड़कें चौड़ी करने के लिए पहाड़ों को ज्यादा गहराई तक काटना होता है और इसके लिए पहाड़ों को विस्फोटों से उड़ाना पड़ता है। ऐसे में सड़क जनित आपदाएं भी बढ़ जाती हैं। जगह-जगह इस तरह के बोर्ड लगाए गए हैं कि सड़कों के इन हिस्सों में रुके रहना भी खतरनाक है। अतीत में जब भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, सड़कों पर खड़े वाहनों और लोगों पर ऊपर से मलबा आकर गिरा है और काफी लोगों की मौतें हुई हैं।
सोर्स: अमर उजाला