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- अफगान में बिगड़ते...
भूपेंद्र सिंह| अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा एक ऐसे समय हो रही है, जब अफगानिस्तान में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। यह अच्छा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री की भारतीय नेताओं के साथ विभिन्न मुद्दों के अलावा अफगानिस्तान संकट पर भी बातचीत होगी, लेकिन यह बातचीत इस तरह होनी चाहिए कि इस संकट का कोई समाधान भी निकलता हुआ दिखे। ऐसा तभी संभव होगा जब अमेरिका यह महसूस करेगा कि उसकी सेनाओं ने जल्दबाजी में अफगानिस्तान छोड़कर इस देश को तालिबान के हवाले करने का काम किया है। आज अफगानिस्तान जिन खतरनाक स्थितियों से दो-चार है, उनके लिए एक बड़ी हद तक अमेरिका ही जिम्मेदार है। अमेरिका ने यह जानते हुए भी तालिबान के साथ एक ढीला-ढाला समझौता किया कि वे अपने वादे पर खरे नहीं उतरेंगे। अंतत: ऐसा ही हुआ। तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने की कोशिश में हैं। इस कोशिश के तहत वे दिल दहलाने वाली बर्बरता का परिचय देने में लगे हुए हैं। वे जैसी मार-काट मचाए हुए हैं, उससे यह अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि यदि वे अफगानिस्तान पर काबिज हो गए तो उसका भविष्य कितना अधिक अंधकार भरा होगा। यदि अफगानिस्तान तबाही की ओर जाता है जिसके कि आसार भी दिख रहे हैं तो इसके लिए अमेरिका ही जिम्मेदार होगा।