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- जनरल रावत को...
कैसे यकीन कर लें कि जिसकी एक दाहड़ से दुश्मनों के पसीने छूट जाते थे, वह नि:शब्द, आंखें बंद किए लेटा हुआ है, फिर कभी न उठने के लिए। जनरल बिपिन रावत के रूप में देश ने सिर्फ एक चीफ ऑफ डिफेंस ही नहीं खोया है, एक ऐसा योद्धा भी खो दिया है, जिसकी मौजूदगी ही दुश्मनों को हिला कर रख देने के लिए काफी होती थी। नियति के क्रूर निर्णय ने असमय ही जनरल रावत को छीन लिया। जवान कभी मरता नहीं, अमर हो जाता है, पर यकीन मानिए जनरल रावत के ओजस्वी तस्वीरों को देखने के बाद एक बार को दिल मान ही नहीं रहा, जो हम मस्तिष्क को जबरदस्ती मनवाने की कोशिश कर रहे हैं। वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लैंड करने से ठीक सात मिनट पहले हेलीकॉप्टर क्रैश कर गया। काश वो सात मिनट, आठ दिसंबर के दिन के 24 घंटे में आए ही न होते। यह भी तो संयोग ही है कि जिस कॉलेज में संबोधन के लिए जनरल रावत जा रहे थे, वहीं से उन्होंने स्नातक भी किया था। दिमाग में ऐसे न जाने कितने क्यों, कैसे और काश, जैसे सवाल कुरेद रहे हैं, पर हकीकत वही है कि जो दिल मानने को तैयार नहीं है।