- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- नए परिप्रेक्ष्य में...
हिमाचल के गैर जनजातीय क्षेत्रों में ट्राइबल सब प्लान का आकार बढ़ाने की जरूरत को नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि 2011 की जनगणना का हिसाब अब सरक कर इस वर्ग को भौगोलिक दुरुहता से दूर कर चुका है। हिमाचल विधानसभा में आए प्रस्ताव के अनुसार ट्राइबल सब प्लान में होने वाली 2.23 प्रतिशत वृद्धि को गैर जनजातीय क्षेत्रों के कबायली लोगों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा। कबायली क्षेत्रों की दुरुहता का ही हिसाब लगाएं तो कांगड़ा के छोटा व बड़ा भंगाल, सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की 126 पंचायतें और शिमला जिला के डोडरा-क्वार इलाके आज की स्थिति में ट्राइबल इलाकों के मुकाबले कहीं अधिक पिछड़े हैं। प्रदेश की 3,92126 जनजातीय आबादी में से केवल 104290 लोग ही कबायली क्षेत्रों में अंकित हुए, जबकि 290384 लोग गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे हैं। ऊना जैसे मैदानी इलाके में ही पिछली जनगणना के अनुसार 8601 ट्राइबल लोग रहते हैं।
divyahimachal