सम्पादकीय

रेल की रफ्तार

Gulabi Jagat
13 Sep 2022 4:50 AM GMT
रेल की रफ्तार
x
सौजन्य तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की आमद के साथ-साथ भारतीय रेल की आमदनी में बढ़ोतरी उत्साहजनक है. इस वर्ष अगस्त तक भारतीय रेल का कुल राजस्व 95,486.58 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में हासिल राजस्व से 26,271.29 करोड़ रुपये यानी 38 फीसदी ज्यादा है. यात्री किराये से प्राप्त राजस्व में तो बढ़ोतरी 116 प्रतिशत रही है. अगस्त तक यात्री किराया से 25,276.54 करोड़ रुपये की आय हुई है, जो पिछले साल के तुलना में 13,574.44 करोड़ रुपये अधिक है.
यह वृद्धि आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणियों में हुई है. रेल डिब्बे से होने वाली अन्य आय में भी 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. ये आंकड़े इंगित करते हैं कि यात्रियों की आवाजाही तेजी से बढ़ रही है. यह भारतीय रेल के लिए उत्साहवर्द्धक तो है, होटल, पर्यटन और गाड़ियों से जुड़े कारोबार के लिए भी सुखद है. उल्लेखनीय है कि महामारी के दौर में अन्य क्षेत्रों की तरह भारतीय रेल को भी बड़ा झटका लगा था.
अर्थव्यवस्था से संबंधित आंकड़े भी संतोषजनक हैं और हमारा देश आज दुनिया में सबसे अधिक गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. इसका एक संकेत रेलगाड़ियों से होने वाली माल ढुलाई में 20 फीसदी की बढ़त भी है. इस साल 65,505.02 करोड़ रुपये माल ढुलाई से हासिल हुए हैं. यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि के राजस्व से 10,780.03 करोड़ रुपये अधिक है. कोयले के अलावा अनाज, खाद, सीमेंट, खनिज तेल, कंटेनर आदि का इसमें बड़ा योगदान रहा है.
उल्लेखनीय है कि ये वस्तुएं हमारी अर्थव्यवस्था में आधारभूत महत्व रखती हैं. अन्य तरह की ढुलाई से प्राप्त आय में वृद्धि 95 फीसदी है. निश्चित रूप से भारतीय रेलवे का यह प्रदर्शन सराहनीय है, पर हमें यह भी याद करना चाहिए कि पिछले साल इसी अवधि में कोरोना महामारी की भयावह दूसरी लहर चल रही थी. इसका मतलब यह है कि अगर भावी स्थितियां अनुकूल रहीं, तो भारतीय रेल से आर्थिक विकास को अधिक व सतत आधार मिल सकता है.
भारतीय रेल हमारे राष्ट्रीय जीवन की जीवन रेखा है. यह सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र भी है. इस पर परोक्ष रूप से भी बड़ी संख्या में लोग निर्भर हैं. यदि उसका विकास तेज गति से होता है, इसका लाभ समूची आबादी को मिलता है. बीते कुछ वर्षों से रेल यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने तथा स्वच्छता बेहतर करने पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है. भारतीय रेल में तकनीक के विस्तार और गुणवत्ता बढ़ने से चहुंमुखी विकास को गति मिलेगी.

प्रभात खबर के सौजन्य से सम्पादकीय
Gulabi Jagat

Gulabi Jagat

    Next Story