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- गांधी के अपमान से पहले...
'दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल। साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल। साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।' राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में कवि प्रदीप द्वारा लिखी गई ये पंक्तियां बहुत कम शब्दों में महात्मा गांधी जी की शख्सियत को बखूबी बयान कर देती हैं। ये पंक्तियां महात्मा गांधी जी द्वारा दिए गए सत्य, अहिंसा और प्रेम के पैगाम को देशवासियों तक पहुंचाती हैं और साथ ही ये संदेश भी देती हैं कि कैसे एक मजबूत इच्छा शक्ति के दम पर बड़ी से बड़ी चुनौती को बिना हिंसा का सहारा लिए सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है। महात्मा गांधी जी द्वारा आजादी के आंदोलन के दौरान दिए गए ये संदेश जितने सार्थक उस समय थे, उससे कहीं अधिक सार्थक आज भी हैं। राष्ट्रपिता के द्वारा दिए गए ये संदेश केवल हमारे देश की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरे विश्व की पूंजी हैं और समय-समय पर पूरे विश्व के नेता इन संदेशों की सार्थकता और वर्तमान समय में इनकी आवश्यकता पर जोर देते हुए सुने जाते हैं।