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आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापामारी के बाद नौकरशाही और राजनेता के अपवित्र गठजोड़ की सूचनाएं सामने आ रही हैं
Deepak Ambastha
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापामारी के बाद नौकरशाही और राजनेता के अपवित्र गठजोड़ की सूचनाएं सामने आ रही हैं. झारखंड हाईकोर्ट में ईडी की तरफ से पेश किये गये दस्तावेज और दलीलें तो कम से कम इसी बात की पुष्टि करती हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ें राज्य में पाताल तक हैं
राज्य में भ्रष्टाचार के महा समुद्र में व्हेल, शार्क और प्यारी डॉल्फिनें हैं तो कहने को छोटी लेकिन पुष्ट मछलियां भी हैं. ऐसा नहीं कि मछलियों का वर्गीकरण किया जाये आकार के हिसाब से, लेकिन यह आकार तो आप पद से समझ सकते हैं. पर देखिए, पद में छोटी मछली जिन्हें आप तालाब की मानते, समझते हैं. इनकी कुव्वत से आप अनजान हैं. तथाकथित छोटी मछलियां समुद्र वाली व्हेल और शार्क को जिंदा निगलने की आर्थिक हैसियत रखती हैं. झारखंड में विभिन्न प्रकार के, प्रजाति के, आकार के साहब हैं, जिनकी अपनी पैसा पचाने की महान क्षमता है.
इन मछलियों को ईडी साहब को पहचानना होगा कि जाल कहां डालें, कैसे डालें. ऐसी मछलियां डीएमओ साहब, सीओ साहब, डीईओ साहब, जेई साहब, बीडीओ साहब, सीआई साहब,एसी साहब,कर्मचारी साहब, किरानी साहब जैसे कई नामों से जानी जाती हैं. इनकी कई प्रजातियां और उप प्रजाति है जो झारखंड में अलग-अलग भ्रष्टाचार के तालाबों में खुल कर तैरती नजर आतीं हैं, जरूरत है इन पर नजर रखने की.
सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग प्रायः व्हेल और सार्क की तलाश में ही रहे हैं यही कारण है कि छोटे तालाबों के पुष्ट मछलियां आराम से तैर रहीं हैं, नाजायज पैसों से जल क्रीड़ा कर रही हैं.
Rani Sahu
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