सम्पादकीय

अभी आसमानी मार से दुनिया निपटी नहीं कि यह सुल्तानी प्रहार हमें फिर बुरी तरह थका देगा

Gulabi
26 Feb 2022 8:30 AM GMT
अभी आसमानी मार से दुनिया निपटी नहीं कि यह सुल्तानी प्रहार हमें फिर बुरी तरह थका देगा
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जब बड़े लोग लड़ते हैं तो छोटे या तो सहम जाते हैं, दर्शक बन जाते हैं या भाग जाते हैं
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
जब बड़े लोग लड़ते हैं तो छोटे या तो सहम जाते हैं, दर्शक बन जाते हैं या भाग जाते हैं। युद्ध तो होता ही विनाशकारी है। श्रीकृष्ण ने कहा भी था- यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। आज दुनिया फिर युद्ध और विनाश के मुहाने खड़ी दिख रही है। शंकरजी कल्याण के देवता हैं। एक बार ब्रह्मा ने विष्णुजी पर पद प्रहार किया था। दोनों के बीच इतना भीषण युद्ध हुआ कि पूरा ब्रह्मांड हिल गया।
तब अग्नि स्तंभ बनकर शिव बीच में आए और दोनों को रोका। शिवरात्रि आ रही है और पूरा देश उत्सव के मूड में है। शिव पुराण की यह कहानी इस बार हमारी प्रेरणा होना चाहिए। उपवास करें, मंदिर जाएं, भजन गाएं, लेकिन भगवान शंकर से विनती करें कि महाशक्तियां टकराएं नहीं, बल्कि एक होकर विश्व की सर्वशक्ति बनें।
अभी आसमानी मार से दुनिया निपटी नहीं है कि यह सुल्तानी प्रहार हमें फिर बुरी तरह थका देगा। तो शिवरात्रि की तैयारी के बीच अपनी प्रार्थना में परमशक्ति से निवेदन करें कि लड़ने वालों को शांति की प्रेरणा दें, पूरी मानवता की रक्षा करें।
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