सम्पादकीय

आदिवासियों के अधिकारों से छेड़छाड़ न हो

Rani Sahu
18 Jun 2023 5:30 PM GMT
आदिवासियों के अधिकारों से छेड़छाड़ न हो
x

केंद्र सरकार द्वारा वन संरक्षक (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश होने से देश के समस्त आदिवासी समाज एवं गरीबों के लिए वन अधिकारों से ही नहीं बल्कि आदिवासियों एवं ग्रामीणों को जमीनों से भी वंचित होना पड़ सकता है। तीन किसान बिलों के रद होने के बाद ऐसा लगना स्वाभाविक है कि कार्पोरेट जगत और सरकार की नजर आदिवासी इलाकों की जमीन और जंगल पर है और वह हर हाल में आदिवासियों की जमीनें लेना चाहती है। बिल पास होने के बाद सरकार बिना ग्राम सभा की मंजूरी के जंगल और आदिवासियों की जमीनें ले सकती है। आदिवासी मेम्बर पार्लियामेंट्स से उम्मीद की जाती है कि इस बिल का भरपूर विरोध करें। सरकार से भी अपेक्षा की जाती है कि वह बिल को ठंडे बस्ते में डाले और आदिवासियों के अधिकारों से छेड़छाड़ न करे।
-रूप सिंह नेगी, सोलन

By: divyahimachal

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story