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राजीव सचान : संसद के नए भवन और उसके सचिवालय के निर्माण से जुड़ी महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर अड़ंगा लगाने वाले अभी भी चैन से नहीं बैठे हैं। इस परियोजना पर जारी काम रोकने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने के साथ देश-विदेश के अखबारों में ऐसे लेख लिखे जा रहे हैं कि इस परियोजना को क्यों रोक दिया जाना चाहिए अथवा यह कितनी गैर-जरूरी है? जी हां, विदेश में भी। हाल में लंदन के अखबार द गार्जियन में भारतीय मूल के ब्रिटिश शिल्पकार एवं मूर्तिकार अनीश कपूर ने यह लिखा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को आगे बढ़ाना एक हिंदू तालिबानी कृत्य है। मोदी सरकार को हिंदू तालिबान जैसा बताना उनका प्रिय जुमला है। मनमोहन सरकार के समय पद्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुके अनीश कपूर ने उस वक्त भी मोदी सरकार को हिंदू तालिबान करार दिया था, जब मोदी ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले थे। मोदी सरकार के प्रति अपनी घृणा व्यक्त करते हुए उन्होंने यहां तक लिखा है कि यह तालिबानी सरकार मौजूदा संसद भवन को ढहाने का इरादा रखती है। चूंकि वह मोदी सरकार के प्रति अपनी नफरत पहले भी व्यक्त करते रहे हैं, इसलिए इस बार उनकी भड़ास का किसी ने संज्ञान नहीं लिया। लेना भी नहीं चाहिए, क्योंकि द गार्जियन का उनका ताजा लेख निरी बकवास के अलावा और कुछ नहीं। एक क्षण के लिए अनीश कपूर की अनदेखी की जा सकती है, लेकिन उनकी नहीं जो अभी भी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर अड़ंगा लगाने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं।