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- परिवारवाद का दीमक
Written by जनसत्ता; श्रीलंका की दुर्दशा का मूल कारण है एक परिवार का सत्ता पर कब्जा और उसकी अर्थव्यवस्था में चीन का बड़ा निवेश। चीन की नीति है, कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देशों को पहले भारी कर्ज देना, फिर उनके आंतरिक मामलों में विघ्न डालना। फिर चीन उनकी प्राकृतिक धरोहर पर कब्जा करता है। जैसे कि खनिज और समुद्री तट रेखा पर नियंत्रण करना। चीन अपना यह एजेंडा उन राजनीतिक परिवारों के माध्यम से पूरा करता है।
भारत की आजादी के बाद डा. आंबेडकर ने कहा था कि किसी भी लोकतंत्र में परिवारवाद-व्यक्तिपूजा तानाशाही की ओर ले जाती है। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार का अति महत्त्वपूर्ण होना डा आंबेडकर के तर्क की पुष्टि करता है। राजपरिवारों मे पिता की जगह पुत्र को राजा बनाया जाता था, लेकिन लोकतांत्रिक देश में अगर ऐसी परंपरा चालू हो, तो यह लोकतंत्र का मजाक है। क्या पार्टी के बाकी कार्यकर्ता सिर्फ नारे लगाने और झंडा उठाने के लिए हैं।
'कंठ प्यासा, मन रूआंसा… पानी है दूर, गांव हुआ मजबूर'। एक समाचारपत्र के आवरण पृष्ठ पर सचित्र रिपोर्ट देख कर मन दुखी और व्यथित हो गया। इस भीषण तपिश में पीने के पानी के लिए कई लोग कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को पानी मिल रहा है, वे ईश्वर की इस नेमत को सहेजने के बजाय उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। पानी का वाजिब और जरूरत के मुताबिक उपयोग ही जल का संरक्षण है। हमें उन लोगों के चेहरे और अखबारों में छपे चित्र को जेहन में रखना चाहिए कि लोग पानी के लिए कितना कष्ट भोग रहे हैं।