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- बुरा मानिए, होली है
यही तो बात है बुरा मानने की कि आज होली है। यह कोई न्यू इयर अथवा वेलेंटाइंस डे थोड़े ही है, जो बुरा न मानें। यह होली है होली, जिसमें रंग के नाम पर कीचड़ पोता जा रहा है और शुभकामनाओं के नाम पर दी जा रही हैं, खुलेआम गाली। वैरभाव और ऊंचनीच का भेदभाव मिटाने की एवज दोगुना कर देती है होली। इसलिए सामने वाले पर गुस्सा कीजिए ताकि वह अपनी औकात में रहे। मुझे पता है वह बुरा न मानो होली है, का नारा देकर अपने भीतर की तमाम खटास निकालेगा, इसलिए उसको मौका ही क्यों दिया जाए कि वह आपकी साफ-सुथरी पोशाक को बदरंग बना दे और आपकी एकदम स्वच्छ छवि पर कालिख पोत जाए। होली पर बुरा इसलिए भी मानिए कि वह 'भाई साहब-भाई साहब' कहता हुआ आपके घर में घुसेगा और आपकी पत्नी से होली खेलने लगेगा। पत्नी के जिन गालों पर हाथ लगाते हुए आप खुद तीन बार सोचते हैं, वह 'भाभीजी-भाभीजी' कहता हुआ उनके गालों को लाल कर देगा। महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव बदतमीजी में माना गया है, इसलिए होली पर बुरा मानिए और अपनी पत्नी की इज्जत बचाइए। बुरा मानने की बात इसलिए भी है कि वह अभी आप द्वारा परोसी गई तमाम मिठाइयों और गुझिया को एक ही पल में चाट जाएगा और आपके मासूम, माल खाने को तरस जाएंगे। बच्चों का हक बचाना है तो होली पर नाराज रहिए ताकि कोई इसके बहाने आपके घर मेहमान बनकर भी न आ सके। आपका माल मार रहा है और आप बुरा भी न मानें, यह नितांत गलत है। मान लिया आपके रंग लगाने, तक तो बात चल भी जाए, लेकिन उसने होली के बहाने आपके कुर्ता-पाजामा को तार-तार कर दिया है और आप भिखारी की भूमिका में आ गए हैं, तो आप क्या बुरा नहीं मानेंगे?